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Maruti Kavach

Dear readers, here we are offering Maruti Kavach PDF to all of you. Maruti Kavach is one of the most efficient hymns dedicated to Lord Hanuman Ji. Maruti is one of the names of Lord Hanuman which means the sone of Pavan Dev. There are many people who are suffering from unknown fears.

They should worship Lord Hanuman with complete devotion and dedication so that they can get rid of all types of fears and problems of their life that are creating the hurdlers in their way of success peace and prosperity. If you also want to seek the blessings of Lord Hanuman, recite the Maruti Kavach daily.

Sri Maruti Kavachm PDF

ॐ नमो भगवते विचित्रवीरहनुमते प्रलयकालानलप्रभाप्रज्वलनाय ।

प्रतापवज्रदेहाय । अञ्जनागर्भसम्भूताय ।

प्रकटविक्रमवीरदैत्यदानवयक्षरक्षोगणग्रहबन्धनाय ।

भूतग्रहबन्धनाय । प्रेतग्रहबन्धनाय । पिशाचग्रहबन्धनाय ।

शाकिनीडाकिनीग्रहबन्धनाय । काकिनीकामिनीग्रहबन्धनाय ।

ब्रह्मग्रहबन्धनाय । ब्रह्मराक्षसग्रहबन्धनाय । चोरग्रहबन्धनाय ।

मारीग्रहबन्धनाय । एहि एहि । आगच्छ आगच्छ । आवेशय आवेशय ।

मम हृदये प्रवेशय प्रवेशय । स्फुर स्फुर । प्रस्फुर प्रस्फुर ।

सत्यं कथय । व्याघ्रमुखबन्धन । सर्पमुखबन्धन ।

राजमुखबन्धन । नारीमुखबन्धन । सभामुखवन्धन ।

शत्रुमुखबन्धन । सर्वमुखबन्धन । लङ्काप्रासादभञ्जन ।

अमुकं मे वशमानय । क्लीं क्लीं क्लीं ह्रीं श्रीं श्रीं राजानं वशमानय ।

श्रीं ह्रीं क्लीं स्त्रिय आकर्षय आकर्षय शत्रून्मर्दय मर्दय मारय मारय

चूर्णय चूर्णय

खे खे श्रीरामचन्द्राज्ञया मम कार्यसिद्धिं कुरु कुरु ।

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः फट् स्वाहा ।

विचित्रवीर हनूमन् मम सर्वशत्रून् भस्मी कुरु कुरु ।

हन हन हुं फट्स्वाहा ।

(एकादशशतवारं जपित्वा सर्वशत्रून् वशमानयति नान्यथा इति ॥)

Maruti Nandan Aarti Lyrics

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥

अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता,

दुखिओं के तुम भाग्यविधाता ।

सियाराम के काज सवारे,

मेरा करो उद्धार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥

अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,

तुम पर रीझे अवधबिहारी ।

भक्तिभाव से ध्याऊं तोहे,

कर दुखों से पार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥

जपूँ निरंतर नाम तिहरा,

अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।

रामभक्त मोहे शरण मे लीजे,

भाव सागर से तार ॥

पवनसुत विनती बारम्बार ।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

सुन लो मेरी पुकार ।

पवनसुत विनती बारम्बार ॥

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