जिंदगी ने अक्सर मुझे उलझाया,
क्या है जिंदगी समझ में नही आया..
नदी से पूछा तो एक बहाव है जिंदगी,
पूछा जो जवानी से तो एक मकसद है जिंदगी।
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जिंदगी ने अक्सर मुझे उलझाया,
क्या है जिंदगी समझ में नही आया..
बंजारो से पूछा तो एक पड़ाव थी जिंदगी,
पूछा जो भूखे से तो रोटी थी जिंदगी।
जिंदगी ने अक्सर मुझे उलझाया,
क्या है जिंदगी समझ में नही आया..
किनारे से पूछा तो एक ठहराव है जिंदगी,
पूछा जो पंछी से तो एक उड़ान है जिंदगी।
जिंदगी से हमे अब जाके कुछ समझ आया,
क्या है जिंदगी?
ज्ञान देना और ज्ञान पाना है जिंदगी।।