प्रस्तावना :
दिल्ली भारत के प्राचीन नगरों में से एक है। इसको बसाने का श्रेय सूर्यवंशी महाराजा दिलीप को जाता है। समय-समय पर अनेक शासकों ने यहाँ पर राज्य किया इसीलिए यह उजड़ती रही, और फिर बसती भी रही। सन् 1947 में अंग्रेजों से स्वतन्त्रता प्राप्ति के पश्चात् दिल्ली को भारतवर्ष की राजधानी बना दिया गया है तभी से यह चार बड़े महानगरों में गिनी जाने लगी है। दिल्ली यमुना नदी के दाएं किनारे पर बसी हुई है।
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वर्तमान दिल्ली की एक झलक :
इसे पुनः धर्मराज युधिष्ठिर ने खाण्डवप्रस्थ को साफ करके बसाया था तथा इसका नाम इन्द्रप्रस्थ रखा था। उसके बाद राजा पृथ्वीराज ने इसको दिल्ली नाम दिया। उस समय दिल्ली की खूब प्रगति हुई। देशद्रोही जयचन्द्र के कारण पृथ्वीराज चौहान के हाथों से निकलकर दिल्ली यवन् शासकों के हाथों में आ गई। इसके बाद ब्रिटिश शासकों ने इस पर कब्जा जमा लिया। अंग्रेजों ने इसका विस्तार करके इसके एक भाग का नाम ‘नई दिल्ली’ रख दिया उसके बाद स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद यह हिन्दुस्तानियों के हाथों में आ गई और आज प्रगति के शिखर पर है।
ऐतिहासिक पर्यटक स्थल :
मुगल शासकों ने अपने शासनकाल में यहाँ अनेक ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण कराया जो बहुत दर्शनीय हैं। वे तो सोच भी नहीं सकते थे कि कभी दिल्ली उनके हाथों से निकल जाएगी। पूरी दुनिया के पर्यटक यहाँ पर इन ऐतिहासिक धरोहरों को देखने आते हैं, जिनमें से कुछ प्रसिद्ध इमारतें ये हैं-लालकिला, जामा मस्जिद, जंतर-मंतर, पुराना किला, हुमायूँ का मकबरा, कुतुबमीनार, ओलिया की दरगाह, सूरजकुण्ड, ओखला इत्यादि।
घूमने के प्रसिद्ध स्थान :
नई दिल्ली में स्थित इण्डियागेट, राष्ट्रीय संग्रहालय, चिड़ियाघर, बुद्धा गार्डन, तालकटोरा स्टेडियम, अक्षरधाम मन्दिर, बिडला मन्दिर, तीनमूर्ति भवन इत्यादि बहुत ही सुन्दर विहार स्थल हैं। प्रमुख व्यक्तियों की समाधियाँ : दिल्ली गेट के बाहर यमुना नदी के किनारे कई महापुरुषों की समाधियाँ स्थित हैं। इनमें महात्मा गाँधी जी की ‘राजघाट’, पंडित नेहरु जी की ‘शान्तिवन’, लालबहादुर शास्त्री जी की ‘विजयघाट’, इंदिरा गाँधी जी की ‘शक्तिस्थल’, राजीव गाँधी जी की ‘वीर भूमि’, बाबू जगजीवन राम जी की ‘समता स्थल’ तथा चौ. चरणसिंह जी की ‘किसान घाट’ अमर समाधियाँ हैं। ये सभी काफी बड़ी जगह में फैली हुई है तथा आसपास पार्क होने के कारण घूमने की अच्छी जगहें हैं।
अन्य दर्शनीय स्थल :
राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, केन्द्रीय सचिवालय, आकाशवाणी भवन, बिडला मन्दिर, विज्ञान भवन, दूरदर्शन केन्द्र, कनॉट प्लेस, नेहरू स्टेडियम, गाँधी स्टेडियम, मुगल गार्डन, बहाई मन्दिर, गौरीशंकर मन्दिर आदि अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
उपसंहार :
दिल्ली भारत का दिल है। यहाँ हर देश के लोग घूमने आते हैं। हर राज्य के व्यक्ति यहाँ अपनी आजीविका की खोज में आकर बस जाते हैं। तभी तो दिल्ली को ‘छोटा हिन्दुस्तान’ भी कहा जाता है। दिल्ली वास्तव में प्राचीन तथा नवीन संस्कृति का अद्भुत संगम है।