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महाराष्ट्र राज्य का इतिहास और जानकारी | Maharashtra History information

इतिहास में मुड़कर देखा जाए तो, भारत बहुत से धर्मो की जन्मभूमि भी रहा है। सदियों पहले बहुत से बुद्ध, जैन, हिन्दू और मुस्लिम धर्म के साधुओ ने महाराष्ट्र – Maharashtra में शरण ली थी। महाराष्ट्र में दुसरे क्षेत्र से भी बहुत से लोग आते है। महाराष्ट्र शब्द की उत्पत्ति महारथी (महान रथ चालक) से हुई है।

महाराष्ट्र आकार और जनसँख्या के हिसाब से भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। भारत का सर्वाधिक औद्योगिक क्षेत्र मुंबई-पुणे महाराष्ट्र में शामिल है।

 महाराष्ट्र राज्य का इतिहास और जानकारी – Maharashtra History information

यहाँ पर विविध भाषाओ का मिश्रण है, सबसे पहले नागा काल में यहाँ महारस्त्री भाषा का उपयोग किया जाता था और बाद में 8 वी शताब्दी में मराठी भाषा को विकसित किया गया।

शुरुवाती समय में वर्तमान महाराष्ट्र राज्य को बहुत से हिन्दू साम्राज्यों जैसे सातवाहन, वकताका, कलचुरी, राष्ट्रकूट, चालुक्य और यादव में विभाजित किया गया था। 1307 के बाद महाराष्ट्र में ज्यादातर मुस्लिम शासको का राज था। मुस्लिम समुदाय की दरबारी भाषा पर्शियन का प्रभाव भी मराठी भाषा पर पड़ा। 16 वी शताब्दी में महाराष्ट्र को पुनः बहुत से स्वतंत्र मुस्लिम शासको के बीच खंडित कर दिया गया, जो मृत्यु तक एक-दुसरे से लड़ते थे। बाद शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की और महाराष्ट्र में मराठा साम्राज्य का परचम लहराया।

18 वी शताब्दी के समय सम्पूर्ण पश्चिम और मध्य भारत, साथ ही उत्तर और पूर्व के विशाल भाग को भी मराठा साम्राज्य में शामिल कर लिया गया। 1661 में ब्रिटेन ने बॉम्बे आइलैंड के नियंत्रण को अपने हाथो में लें लिया और 19 वी शताब्दी से मराठाओ ने भी ब्रिटिश विस्तार के आगे घुटने टेक दिए थे।

इसके बाद ब्रिटिशो ने मिलकर “बॉम्बे प्रेसीडेंसी” नामक प्रशासनिक प्रांत की स्थापना की। 1947 में जब भारत को आज़ादी मिली तो प्रांत बॉम्बे राज्य (1950) में परिवर्तित हो गया। बहुत से भूतपूर्व प्रांतीय राज्यों को नए राज्य में शामिल किया गया।

1 नवम्बर 1956 को प्रायद्वीपीय भारत के बॉम्बे राज्य में प्रमुख भाषाई और राजनितिक पुनर्गठन कर मध्य प्रदेश का कुछ भाग इसमें मिला लिया गया, साथ ही उत्तर-पूर्वी भाग से हैदराबाद को हटा दिया गया। पुनर्गठन का परिणाम फिर भी भाषाई रूप में विभाजित राज्य ही रहा, जहाँ गुजराती बोलने वाले ज्यादातर लोग उत्तर में और मराठी बोलने वाले लोग दक्षिण में रहते थे।

दोनों भाषाई समूहों की मांग पर 1 मई 1960 को राज्य को दो भागो में विभाजित कर उत्तर में गुजरात और दक्षिण में महाराष्ट्र की स्थापना की गयी। बॉम्बे, महाराष्ट्र का हिस्सा और राज्य की राजधानी बना रहा। 1990 में इस शहर का नाम बदलकर मुंबई रखा गया।

महाराष्ट्र राज्य के जिले – Districts of Maharashtra State

महाराष्ट्र राज्य के छः राजस्व विभाजन है : जिनमे मुंबई (कोकण), पुणे (पश्चिमी महाराष्ट्र), नाशिक (खान्देश), औरंगाबाद (मराठवाडा), अमरावती (विदर्भ) और नागपुर (विदर्भ) शामिल है। इन्हें 36 जिलो में विभाजित किया गया है। जो इस प्रकार है – ठाणे, पुणे, मुंबई उपनगरीय, नाशिक, नागपुर, अहमदनगर, सोलापुर, जलगाँव, कोल्हापुर, औरंगाबाद, नांदेड, मुंबई सिटी, सातारा, अमरावती, सांगली, यवतमाल, रायगढ़, बुलढाना, बिड, लातूर, चंद्रपुर, धुले, जालना, परभणी, अकोला, ओसामाबाद, नंदुरबार, रत्नागिरी, गोंदिया, वर्धा, भंडारा, वाशिम, हिंगोली, गडचिरोली और सिंधुदुर्ग। इन जिलो को 109 उप-विभाजन और 357 तालुका में विभाजित किया गया है।

महाराष्ट्र राज्य में मनाने जाने वाले त्यौहार – Festivals celebrated in Maharashtra state

साल भर महाराष्ट्र में बहुत से उत्सव मनाये जाते है। जिसमें होली, रंग पंचमी, गुढी पाडवा, राम नवमी, अक्षय तृतीया, पोला (पोला के समय किसान अपने बैलो को सजाते है और ख़ुशी से गलियों में घुमाते है। )महाराष्ट्र दिवस, गणेश उत्सव (1893 में राष्ट्रिय राजनेता बाल गंगाधर तिलक ने सार्वजानिक गणेशोत्सव की शुरुवात की थी। गणेश उत्सव के समय मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमा राज्य में बेचीं जाती है।), महावीर जयंती, बुद्धा जयंती, वट पूर्णिमा, गोकुलाष्टमी, नवरोज़ उर्फ़ पारसी नव वर्ष, गणेश चतुर्थी, नारियल पूर्णिमा, रमजान, दशहरा, सावित्री व्रत इत्यादि। साथ ही मुहर्रम, बकरी ईद सभी विविध धर्मो के त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाते है।

महाराष्ट्र राज्य की भाषा – Language of Maharashtra state

महाराष्ट्र में मुख्यतः मराठी भाषा बोली जाती है। जबकि हिंदी और इंग्लिश भाषा का प्रयोग भी ज्यादातर जगहों पर किया जाता है। जबकि मुंबई बहुत सी भाषाओ का घर है, जिसमे अंग्रेजी भी शामिल है। कोकणी समुदाय के लोग कोकण भाषा का उपयोग करते है जो मराठी भाषा से ही जुडी हुई है। भले ही कोकणी समुदाय के लोग कोकण क्षेत्र में पाए जाते है, लेकिन फिर भी उनकी गणना अल्पसंख्यक में की जाती है।

महाराष्ट्र राज्य के कुछ विशेष मंदिर – Some special temples of Maharashtra State

एलीफैंटा गुफा मंदिर, मुम्बादेवी मंदिर, कैलाश मंदिर, बालाजी मंदिर, गिरिजा माता विनायक, सिद्धिविनायक मंदिर, वरदविनायक, मुम्बादेवी मंदिर, महालक्ष्मी मंदिर, कपालेश्वर मंदिर, साईं बाबा मंदिर, मुक्तिधाम मंदिर, और त्र्यम्बकेश्वर मंदिर यहाँ के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में शामिल है। हर साल बहुत से धार्मिक और सामाजिक उत्सव मनाये जाने की वजह से महाराष्ट्र को रंगीन राज्य भी कहा जाता है।

महाराष्ट्र राज्य को संतो की भूमी कहा जाता हैं। यहाँ भगवान को माता ( माउली ) कहा जाता हैं। साथ ही यहाँ प्राकृतिक सौदर्य भी देखने लायक हैं। इसलिए शायद इसे महान ऐसा राष्ट्र यानि महाराष्ट्र नाम दिया गया हैं।

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