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प्रसिध्द हिंदी-उर्दू साहित्य के कवी दुष्यंत कुमार | Dushyant Kumar Biography

Dushyant Kumar – दुष्यंत कुमार आधुनिक हिंदी-उर्दू साहित्य के कवी थे। भारत में उन्हें 20 वी शताब्दी के सर्वोच्च हिंदी-उर्दू कवी के रूप में जाना जाता है। कवी के साथ-साथ वे एक नाटककार, साहित्यकार और ग़ज़ल लेखक भी थे।

 प्रसिध्द हिंदी-उर्दू साहित्य के कवी दुष्यंत कुमार – Dushyant Kumar Biography

दुष्यंत कुमार का पूरा नाम दुष्यंत कुमार त्यागी था उनका जन्म 1 सितम्बर 1933 को उत्तर प्रदेश के बिजनोर जिले के नवादा गाव में हुआ। इलाहाबाद से हिंदी में उन्होंने एम्.ए. की शिक्षा प्राप्त की है।

अल्लाहाबाद से उनके साहित्यिक करियर की शुरुवात हुई। उन्होंने बहुत से नाटक, कविताए ग़ज़ल और लघु कहानियाँ लिखी है। साथ ही साहित्य की परिमल अकैडमी के सेमिनार में भी वे सक्रीय रूप से कार्यरत थे।

उस समय के महत्वपूर्ण भारतीय न्यूज़लैटर आकाशवाणी और राजभाषा में उन्होंने नयी पत्ती के साथ काम किया है। उनकी कविताए सीधे दिल को छूती है। बहुत से नव-हिंदी कवी जैसे डॉ. कुमार विश्वास और पुष्पेन्द्र नागर उन्ही से प्रेरित है।

दुष्यंत कुमार ने, ‘जलते हुए वन का बसंत’,’सूर्य का स्वागत’, ‘आवाज़ों के घेरे’, ‘एक कंठ विषपायी’, ‘छोटे-छोटे सवाल’ कविताएँ लिखी। जिस समय दुष्यंत कुमार ने साहित्य की दुनिया में अपने कदम रखे उस समय भोपाल के दो प्रगतिशील शायरों ताज भोपाली तथा क़ैफ़ भोपाली का ग़ज़लों की दुनिया पर राज था।

दुष्यंत कुमार ने सिर्फ़ 42 वर्ष के जीवन में अपार ख्याति हासिल की लेकिन 30 दिसम्बर 1975 को भोपाल में उनकी मृत्यु हो गयी। लेकिन इतनी कम उम्र में भी उन्होंने हिंदी और उर्दू साहित्य में महान उपलब्धियाँ हासिल की है। उन्ही की वजह से ग़ज़ल को प्रसिद्धि मिली। वर्तमान में उनके शेरो और ग़ज़लों को भी साहित्य और राजनितिक कार्यक्रमों से जोड़ा जाता है।

दुष्यंत कुमार की कुछ कविताएँ – Dushyant Kumar Poems

  • “कहाँ तो तय था”
  • “कैसे मंजर”
  • “खंडहर बचे हुए हैं”
  • “जो शहतीर है”
  • “ज़िंदगानी का कोई मकसद”
  • “मुक्तक”
  • “आज सड़कों पर लिखे हैं”
  • “मत कहो, आकाश में”
  • “धूप के पाँव”
  • “गुच्छे भर अमलतास”
  • “सूर्य का स्वागत”
  • “आवाजों के घेरे”
  • “जलते हुए वन का वसन्त”
  • “आज सड़कों पर”
  • “आग जलती रहे”
  • “एक आशीर्वाद”
  • “आग जलनी चाहिए”
  • “मापदण्ड बदलो”
  • “कहीं पे धूप की चादर”
  • “बाढ़ की संभावनाएँ”
  • “इस नदी की धार में”
  • “हो गई है पीर पर्वत-सी”
  • “तू किसी रेल सी गुज़रती है”

More Biography Collection:

  • Ramdhari Singh Dinkar
  • Harivansh Rai Bachchan
  • Suryakant Tripathi ‘nirala’
  • Premchand

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