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दुनिया की सबसे लंबी दीवार “दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना” | The Great Wall of China

दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना दुर्गो की एक श्रुंखला है, जिसे पत्थर, ईंटो, लकड़ी और दूसरी धातुओ का उपयोग कर बनाया गया है। सामान्यतः यह चीन की उत्तरी सीमा पर बना हुआ है, जो चीनी राज्यों को संरक्षित भी करती है। इस दीवार ने कई बार चीन पर हुए आक्रमणों से चीन की सुरक्षा की है।


दुनिया की सबसे लंबी दीवार “दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना” – The Great Wall of China

7 वी शताब्दी में भी इस तरह की दूसरी बहुत सी दीवारों का निर्माण भी किया गया था, लेकिन उन सभी में से दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना सबसे लंबी और सबसे बड़ी दीवार है। इस दीवार का निर्माण चीन के पहले शासक कीं शी हौंग ने 220-206 BCE में करवाया था। लेकिन उनके द्वारा निर्मित दीवार का थोडा भाग ही आज हमें देखने मिलता है। इसके बाद से इस ग्रेट वॉल की हमेशा समय-समय पर मरम्मत की गयी और इसमें काफी सुधार भी किये गये। वर्तमान दीवार के ज्यादातर भाग का निर्माण मिंग साम्राज्य (1368-1644) में किया गया था।

इस ग्रेट वॉल के दुसरे मुख्य उद्देश्यों में सीमा सुरक्षा, वस्तुओ के स्थानांतरण में सहायता, व्यापार करने में आसानी और प्रवासियों को सहायता करना शामिल है। इसके साथ-साथ दी ग्रेट वॉल की रक्षात्मक विशेषताओ में इसके टावर, सैनिको के बैरक, गैरिसन स्टेशन, धुए और आग से संकेत देने की क्षमता और यातायात मार्ग इत्यादि शामिल है।

• कल्पित कथाओ के अनुसार ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना की दीवार एक अटूट, एकल और एक ही बार बनाई गयी दीवार है। लेकिन वास्तव में इस पूरी दीवार के थोड़े-थोड़े भाग को अलग-अलग समय में, अलग-अलग साम्राज्यों ने चाइना की उत्तरी सीमा को संरक्षित करवाने के लिए बनाया था।

• दुनिया के सात प्राचीन आश्चर्यो में दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना का समावेश नही है। जबकि दुनिया के सात मध्यकालीन आश्चर्यो में इसका समावेश किया गया है।

• दी ग्रेट वॉल ओ चाइना को “10,000 की लंबी दीवार” के नाम से भी जाना जाता है।

• 1987 में यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल, साइंटिफिक एंड कल्चरल आर्गेनाईजेशन (UNESCO) ने ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना को अपनी वर्ल्डस ग्रेट नेशनल एंड हिस्टोरियल साइट्स में शामिल किया था।

• इसके निर्माण के समय, ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना को “धरती के सबसे लम्बे कब्रिस्तान” का नाम दिया गया था। क्योकि इसे बनाते समय काफी लोगो की मृत्यु हो चुकी थी। कहा जाता है की इस दीवार का निर्माण कार्य पूरा होते-होते तक़रीबन 1 मिलियन से भी ज्यादा मजदुर मारे गये थे।

• किंवदंतियों के अनुसार एक सहायक ड्रैगन ने कर्मचारियों के लिए दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना की रचना की थी। जिसमे निर्माता ड्रैगन के रास्तो का ही पालन कर रहे थे।

• दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना दुनिया की सबसे लंबी मानव निर्मित संरचना है।

• कहा जाता है की चाइना में पिछले 2000 वर्षो में 31070 मील (50,000 किलोमीटर) संरक्षित दीवारों का निर्माण किया गया है। जहाँ पृथ्वी की परिधि 24,854 मील (40,000 किलोमीटर) है।

• दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना के बीच-बीच में खंडित होने की वजह से जंघेज खान के नेतृव वाली मंगोल सेना को दीवार के उस पार जाने में काफी समय नही लगा और वहा जाते ही उन्होंने 1211 AD और 1223 AD में उत्तरी चाइना के ज्यादातर भागो पर कब्ज़ा कर लिया था। 1368 तक वे पूरी चाइना पर राज करने लगे थे। लेकिन इसके बाद मिंग ने मंगोल को पराजित कर दिया।

• कहा जाता है की मिंग साम्राज्य के समय 1 मिलियन से भी ज्यादा सैनिको ने गैर चीनी और बर्बरियन के आक्रमण से ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना की रक्षा की थी।

• चीनी सांस्कृतिक क्रांति (1966-78) के समय दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना तानाशाही का संकेत बन चुकी थी और लोग यहाँ की ईंटो का उपयोग अपने खेतो या घरो में ले जाकर करते थे।

• 1972 में जब प्रेसिडेंट निक्सन चाइना दर्शन के लिए आये थे तब उन्होंने ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना के पर्यटन को बढ़ावा भी दिया। जिसमे उन्होंने दीवार की बहुत सी जगहों पर मरम्मत भी करवाई और चीनी सरकार ने भी यहाँ आने वाले यात्रियों की देखरेख का अच्छा खासा बंदोबस्त करने शुरू किया।

• कहा जाता है की ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना को बनाते समय पत्थरों को भरने में जिस गार का उपयोग किया जाता था उसे मानवी हड्डियों से बनाया गया था और उस इंसान को उसी दीवार में गाड दिया गया, ताकि दीवार और मजबूत हो सके। जबकि असल में देखा जाये तो इस गार का निर्माण चावल के आटे से किया गया था।

• मिंग साम्राज्य से पहले दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना का निर्माण पत्थरो और एडोब से किया गया था। जबकि मिंग साम्राज्य में इसे बनाते समय ईंटो का उपयोग किया गया था।

• चीनियों ने ही पहिये वाले ठेलो की की खोज की थी और इसका ज्यादातर उपयोग ग्रेट वॉल को बनाने में ही किया गया था।

• कहा जाता है की ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना के गांसू प्रान्त का कुछ भाग अगले 20 वर्षो में कटाव की वजह से गायब हो जायेगा।

• दी ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना का पश्चिमी भाग अपने टावर्स के साथ सिल्क रोड पर यात्रा करने वाली यात्रियों की रक्षा करता है।

• ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना का ज्यादातर भाग रक्षात्मक खाई से घिरा हुआ है, जिनमे से कुछ खाई या तो पानी से भरी हुई है और या तो खाली है।

• 1938 में सीनों-जापान युद्ध के समय रिपब्लिक ऑफ़ चाइना और जापान साम्राज्य के बीच ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना पर अंतिम युद्ध हुआ था। युद्ध में की गयी गोलीबारी के निशान आज भी हमें इसकी दीवारों पर दिखाई देते है।

• ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना पर युद्ध के भगवान की पूजा करने के लिए बहुत से मंदिर भी बनवाए गये है। चाइना में ‘गुआंदी’ को युद्ध को देवता माना जाता है।

• कयी जगहों पर ग्रेट वॉल ऑफ़ चाइना की दीवारे 25 फीट ऊँची और 15-30 फीट चौड़ी भी है।

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