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आदर्श

बच्चे सँ ओ छल खुरलुच्ची
घsर आ बाहर सब परेशान
कनिये टा मे चिन्हय लगलै
टोल-परोस आ सगरो गाम
स्कुल, कॉलेज आ चौक चौराहा
बदमाशी में एकर पहिल नाम
जखन देखु बेमतलब के
अरबैत रहत हरदम टाँग
कोनो दशगर्दा काज मे
बेसाहि लेत बेकारक फसाद
अपना सँ बलगर देखि के
भs जाय छल चुपचाप कात
दु चारी टा दोस्त बना के
करय लागल उगाही
चिन्हय लगलै थाना-पुलिस
थानेदार आ सिपाही
अबिते एलेक्सन नेता लsग
होबय लगलै पूछ
अगिला चुनाव मे तोरजोर कs
बनि गेल ओ परमुख
लागल रहै छै ओकरा दलान पर
मोछ बाला सबहक जमघsट
बनि गेल भरि गाम मे
आब सबहक आदर्श

रचनाकार : दयाकान्त


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