हमर नाम थीक घटकराज
बिआह कराएब हमर काज
लंगड़ा लुल्हा वा बहिर अकान
बौक बताह सज्जन सैतान
कोढिआ जे भरि दिन बैसै मचान
चाहे कियो हो ऑफिसक बबुआन
हमरा लेल सब कियो एक समान
करै छी सबहक हम ओरिआन
कुमार-बार सब बाट-घाट
दलान पर बैसि तोरय खाट
पुछैया हमरा सँ एकेटा बात
हमरा लेल कतहु केलियै बात
हमर बाप नहि चंडाल थीक
दहेजक नाम पर मंगैया भीख
सियेने अछि बरका टा बटुआ
कनियाँ नहि आदमी तकैया बरका
उन्तीस बितल तीस चढ़ि गेल
माथक केश पाकब शुरू भेल
बैशाख बितल जेठ चढि गेल
दुटा दिन आब बाँचल रहि गेल
कsर जोरी अहाँक शरण मे,
छी हम काका ठार
दहेजक मारल बच्चा बुझि के
हमरा करुँ उधार
हमरा अछैते भरि गाम मे
नहि कियो रहत कुमार
कोनो न कोनो खड़यत्र रची के
करब सबहक उधार
दयाकान्त
बिआह कराएब हमर काज
लंगड़ा लुल्हा वा बहिर अकान
बौक बताह सज्जन सैतान
कोढिआ जे भरि दिन बैसै मचान
चाहे कियो हो ऑफिसक बबुआन
हमरा लेल सब कियो एक समान
करै छी सबहक हम ओरिआन
कुमार-बार सब बाट-घाट
दलान पर बैसि तोरय खाट
पुछैया हमरा सँ एकेटा बात
हमरा लेल कतहु केलियै बात
हमर बाप नहि चंडाल थीक
दहेजक नाम पर मंगैया भीख
सियेने अछि बरका टा बटुआ
कनियाँ नहि आदमी तकैया बरका
उन्तीस बितल तीस चढ़ि गेल
माथक केश पाकब शुरू भेल
बैशाख बितल जेठ चढि गेल
दुटा दिन आब बाँचल रहि गेल
कsर जोरी अहाँक शरण मे,
छी हम काका ठार
दहेजक मारल बच्चा बुझि के
हमरा करुँ उधार
हमरा अछैते भरि गाम मे
नहि कियो रहत कुमार
कोनो न कोनो खड़यत्र रची के
करब सबहक उधार
दयाकान्त
Related Articles
This post first appeared on पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ मैथिल, please read the originial post: here