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शुभ शुकुन

मंदिरों से जूते-चप्पल गुम होना या चोरी होना बहुत ही आम बात है। वैसे तो सीधे-सीधे ये एक नुकसान है, लेकिन ज्योतिष के नजरिए से ये एक शुभ शकुन है। विशेष रूप से शनिवार को मंदिर से जूते-चप्पल होने का मतलब है कि जल्दी ही हमें बुरे समय से मुक्ति मिलेगी। यहां जानिए मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होने के बारे में ज्योतिषीय मान्यताएं…

ग्रहों के दोष और उनके उपाय

ज्योतिष की मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में ग्रहों के दोष होते हैं, उन्हें किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिल पाती है। ग्रहों के दोष दूर करने के लिए उपाय भी बताए गए है, जिनसे जीवन में सकारात्मक फल मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। कुडंली के दोषों को दूर करने के लिए रोज सुबह सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए, शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए, रोज नियमित रूप से मंदिर जाना चाहिए और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इन उपायों से कुंडली के सभी ग्रहों दोषों का असर कम हो सकता है।

मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना

अगर शनिवार को किसी व्यक्ति के जूते-चप्पल मंदिर से चोरी होते हैं तो इसका ज्योतिषीय संकेत ये है कि अब शनि के कारण परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। शनि को न्यायाधीश माना गया है और शनि के अशुभ होने से किसी भी काम में आसानी से सफलता नहीं मिलती, बल्कि बार-बार काम बिगड़ते हैं। ऐसे में मंदिर से जूते चोरी होते हैं तो इसे शुभ शकुन मानना चाहिए।

पैरों में होता है शनि का वास

ज्योतिष के अनुसार हमारे शरीर में सभी ग्रहों का वास अलग-अलग अंगों में है। शनि का वास पैरों में है, इस कारण पैरों से संबंधित होने के कारण जूते-चप्पल का कारक शनि है। इसीलिए जूते-चप्पल के दान से शनि बहुत प्रसन्न होते हैं। अगर शनिवार को ये दान किया जाए तो शनिदेव किसी भी किस्मत चमका सकते हैं।
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