अर्ज़ किया है...
मक्के की रोटी - सरसों का साग,
मक्के की रोटी - सरसों का साग...
तेरी गांड मारने आ रहा हूँ,
जहाँ भागना है भाग
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अर्ज़ किया है...
ये काली - काली आँखें,
ये गोरे - गोरे गाल...
ये काली - काली आँखें,
ये गोरे - गोरे गाल...
और बताओ कैसे हो?
लवडे के बाल।
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अर्ज़ किया है...
यारा तेरी यारी पर मुझे कोई शक नहीं,
यारा तेरी यारी पर मुझे कोई शक नहीं...
सबने तेरी गांड मारी...
क्या मेरा इतना भी हक़ नहीं?
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अर्ज़ किया है...
रजवाड़े में उड़ रहे हैं घोड़े,
रजवाड़े में उड़ रहे हैं घोड़े...
ध्यान से क्या पढ़ रहा है बे लौड़े?
कभी देखा है क्या उड़ते हुए घोड़े?
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अर्ज़ किया है...
वो आई आपके सपनो में
और आपको स्वप्नदोश हो गया,
उसकी इज्ज़त भी बच गई और संतोष आपको हो गया।
चल अब हँस भी ले लवडे
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अर्ज़ किया है...
ज़िन्दगी लवडों का पुलिंदा है,
चूत आजकल चुनिंदा है...
कभी याद कर लिया करो इस नाचीज़ को भी,
ये शख्स सिर्फ आपकी गांड मारने के लिए जिंदा है।
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अर्ज़ किया है...
जली को आग कहते हैं,
बुझी को राख कहते हैं...
जो अस्सी साल वाला सोलह साल वाली को चोधे
उसे आसाराम कहते हैं।