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एफिल टॉवर का इतिहास | Eiffel tower history information in Hindi

दी एफिल टावर Eiffel tower फ्रांस के पेरिस शहर के कैंप दी मार्स में स्थापित पिटवां लोंहे की जालियो से बना एक टावर है। इस टावर का नाम Eiffel tower इसे बनाने और डिजाईन करने वाली कंपनी के मालिक गुस्तावे एफिल के नाम पर ही रखा गया था, जो एक इंजिनियर थे।

Eiffel tower Paris

एफिल टॉवर का इतिहास और जानकारी – Eiffel tower history information in Hindi

एफिल टावर के आकर को मौरिस कोएचलीं और एमिले नौगुइएर ने बनाया था, जो दोनों ही इंजिनियर थे। कई समय तक आपस में बातचीत करने और कई आकृतिया बनाने के बाद 1889 में उन्होंने एफिल टावर का अंतिम आकर निश्चित किया। इस समय दुनिया फ्रांस की क्रांति के विश्व मेले में उत्साहित थी। इसके बाद एफिल टावर की डिजाईन की जाँच कई महानुभावो ने की और बहुत से लोगो ने इसकी प्रशंसा भी की और कई लोगो ने इसकी आलोचना भी की। लेकिन बाद में यही टावर फ्रांस की पहचान बन चूका था और अब एफिल टावर को पूरी दुनिया जानती है।

मई 1884 में घर पर काम करते हुए कोएचलीं ने अपने विचारो की एक डिजाईन बनाई, जिसमे उन्होंने चार सीधी लकीरों को सतह से वर्गाकार रूप में बनाकर उपर से उन्हें जोड़ा और एक उसे एक विशेष टावर का दर्जा दिया। शुरू में एफिल टावर के डिजाईन की काफी आलोचना की गयी, कई लोगो ने इसे अपनाने से इंकार भी किया था लेकिन बाद में ज्यादा समय तक अभ्यास करने और उनमे कुछ सुधार करने के बाद इन दो इंजिनियर ने अपने इस डिजाईन को विशेषज्ञों के सामने रखा। फिर उन्होंने मिलकर वास्तविक डिजाईन में कुछ आवश्यक बदलाव किये और टावर की एक आकर्षित डिजाईन बनाई।

इसकी नई डिजाईन को एफिल की सहायता मिली : इसके बाद उन्होंने इसके डिजाईन का पेटेंट भी हासिल कर लिया और 1884 में इसे एक्जीबिशन में रखा गया, एक्जीबिशन में इसे कंपनी के नाम से ही रखा गया था। 30 मार्च 1885 को एफिल ने अपने विचार और टावर की डिजाईन को सोसिएट देस इन्गेनियूर्स सिविल्स के सामने प्रदर्शित किया, प्रदर्शित करते समय उन्होंने टावर से संबंधित तांत्रिक और वास्तविक मुश्किलों पर भी अपने विचार व्यक्त किये। अंत में यह टावर हमारे देश का प्रतिक होंगा कहकर उन्होंने अपनी बातचीत खत्म की।

उन्होंने लोगो को बताया की यह टावर न केवल मॉडर्न इंजिनियर की एक कला होंगी बल्कि उद्योग और विज्ञान के क्षेत्र में यह एक नया चमत्कार होंगा। और आख़िरकार इसके बनने के बाद यह टावर फ्रांस की पहचान बन गया था।

1886 तक और जुल्स ग्रेवी के फ्रांस के प्रेसिडेंट कर पद पर पुनर्नियुक्त किये जाने तक इसमें थोड़े बदलाव जरुर किये गए थे। 1 मई को ही एफिल टावर के विस्तार के लिये बजट भी पास किया गया था, जिसमे एफिल टावर में कई आवश्यक सुधार एवं बदलाव किये गए थे। बजट पास होने के बाद कमीशन ने एफिल की डिजाईन की पुनः जाँच करवाई और जाँच में पाई गयी कमियों को दूर करने की पूरी कोशिश भी की थी। और अंततः कमीशन ने एफिल की डिजाईन को ही पसंद करते हुए इसके निर्माण के आदेश भी दे दिये थे।

इसके बाद टावर स्थापित करने की जगह को लेकर वाद-विवाद होने लगे, 8 जनवरी 1887 को इससे संबंधित कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किये गए थे। जिसमे एफिल के हस्ताक्षर थे और साफ़-साफ़ लिखा गया था की टावर में एफिल कंपनी का ही एक हिस्सा होंगे और कंपनी का ही प्रतिनिधित्व करेंगे। एफिल के निर्माण के लिये उन्हें 1.5 मिलियन फ्रांसिस भी दिये गए थे। टावर के एक्जीबिशन और विस्तार के दौरान एफिल ने बहुत से रुपये कमा लिये थे, लेकिन कुछ समय बाद ही टावर की देखभाल, उसके विस्तार और नुतनीकरण के लिये उन्होंने एक दूसरी कंपनी स्थापित कर रखी थी।

एफिल टावर के बारे में और जानकारी

2015 के सर्वे के अनुसार एफिल टावर को दुनिया में सबसे ज्यादा लोग देखने आते है, तक़रीबन 6.91 मिलियन लोग हर साल एफिल टावर देखने के लिये आते है।

यह टावर 324 मीटर (1063 फीट) लंबा है, जिसकी ऊंचाई 81 मंजिला ईमारत के समान ही है, एफिल टावर ही पेरिस की सबसे ऊँची ईमारत है। इसका निचला भाग वर्गाकार है, जिसका एक भाग 125 मीटर (410 फीट) का है। इसका निर्माण करते समय ही एफिल टावर ने दुनिया की सबसे ऊँची इंसानों द्वारा बनाई गयी धरोहर वाशिंगटन मोनुमेंट का रिकॉर्ड तोड़ दिया था, तक़रीबन 41 सालो तक यह रिकॉर्ड उनके नाम रहा था जब तक की 1930 में न्यू यॉर्क शहर में बनने में क्रिसलर बिल्डिंग का काम पूरा नही हो जाता। 1957 में टावर के उपरी भाग पर आकाशीय प्रसारण का काम होने की वजह से 1957 के बाद यह टावर क्रिसलर बिल्डिंग से 5.2 मीटर ऊँचा हो गया था। ट्रांसमीटर को यदि छोड़ दिया जाये तो एफिल टावर, मिल्लाऊ वैडक्ट के बाद फ्रांस की सबसे ऊँची धरोहर है।

इस टावर में पर्यटकों के घुमने के लिये 3 लेवल है, जिसमे पहले और दुसरे लेवल पर रेस्टोरेंट है। इसकी सबसे उपरी लेवल सतह से 276 मीटर ऊँची है। और साथ ही इसकी छत को पर्यटकों की रमणीयता के लिये अच्छी तरह से सजाया गया है। पहली और दूसरी सतह पर लिफ्ट या सीढियों से जाने के लिये पर्यटकों को टिकट लेनी पड़ती है। निचली लेवल से पहले लेवल के बीच तक़रीबन 300 सीढियाँ है, और इतनी ही पहले से दूसरी लेवल तक भी है। उपरी सतह पर भी सीढियाँ बनी हुई है।

एफिल टावर के बारे में कुछ रोचक जानकारियाँ – Interesting facts about Eiffel tower Paris

एफिल टावर, पेरिस के मुख्य आकर्षण में से एक है, जहाँ हर साल तक़रीबन 10 मिलियन लोग इसे देखने के लिये आते है। इसका निर्माण कार्य आज से तक़रीबन 130 साल पहले पूरा हुआ था – आइये अब हम इस इतिहासिक टावर की कुछ रोचक बातो के बारे में जानते है।

1. एफिल टावर की लिफ्ट तक़रीबन एक साल में 103,000 किलोमीटर का सफ़र तय करती है, जो धरती की परिधि से 2.5 गुना ज्यादा है।

2. एफिल टावर की उपरी लेवल तक चढ़कर जाना संभव है लेकिन इसके लिये आपको तक़रीबन 1665 सीढियाँ चढ़नी पड़ेंगी। बहुत से लोग इसीलिए लिफ्ट को प्राधान्य देते है।

3. ठण्ड के मौसम में टावर तक़रीबन 6 इंच सिकुड़ जाता है।

4. एफिल ने स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी के आंतरिक भाग को भी डिजाईन किया था।

5. इसके उद्घाटन के बाद से अब तक तक़रीबन 250 मिलियन लोग इसे देखने आ चुके है।

6. आज यह टावर हर साल तक़रीबन 7 मिलियन लोगो का स्वागत करता है, और साथ ही यह दुनिया का सबसे आकर्षित और मनमोहक टावर भी है।

7. इसे बनाने में 2 साल, 2 महीने और 5 दिन का समय लगा था – पेरिस के दुसरे महान आकर्षण नोट्रे डैम से 180 साल कम।

8. जर्मन ऑक्यूपेशन के समय टावर की लिफ्ट के केबल कट गए थे और इसीलिए उस समय टावर को सामान्य जनता के लिये बंद कर दिया गया था। इसके बाद नाज़ी सैनिको ने Eiffel tower के उपर स्वस्तिक लगाने की कोशिश की लेकिन बाद में वे ऐसा करने में असफल हुए।

9. 1944 में हिटलर ने पेरिस के मिलिट्री गवर्नर डीटरीच वों चोल्तित्ज़ को टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था, लेकिन जनरल ने ऐसा करने से मना कर दिया।

10. हर 7 साल में एक बार टावर को पेंट किया जाता है, जिसके लिये तक़रीबन 60 टन पेंट की जरुरत होती है।

11. विश्व मेले के दौरान एफिल की प्रतिकृति ने सभी को आकर्षित किया, इस टावर को 1985 में आई बांड फिल्म ए व्यू टू ए किल में भी दिखाया गया था।

12. बीटल्स के गाने आई एम दी वालरस में सेमोलिना पिल्चार्ड को एफिल टावर पर चढ़ते हुए दिखाया गया था।

13. दुनिया में इसकी अनेक प्रतिकृतियाँ है, जिनमे से एक लॉस वेगास में और एक चाइना के थीम पार्क में भी बनी हुई है।

14. वास्तविकतः इसे 20 साल के लिये ही बनाया गया था और इसके बाद इसे तोड़ने का निर्णय लिया गया था लेकिन इसका उपयोग बाद में वायरलेस टेलीग्राफ ट्रांसमीटर के रूप में किया जाने लगा था।

15. फ्रेंच कार निर्माता सीत्रों ने इसका उपयोग 1925 से 1934 के बीच विशाल विज्ञापन पट के रूप में किया था – लाइट बल्ब की सहायता से टावर पर कंपनी के नाम को प्रकाशित किया जाता था – और उस समय गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसे सबसे विशालकाय विज्ञापन की श्रेणी में सम्मिलित किया गया था।

16. 2008 में एक महिला ने एफिल टावर से शादी कर ली थी और अपना नाम बदलकर एरिका ला टूर एफिल रखा था।

17. टावर में तक़रीबन 18.000 मेटालिक भाग है जिन्हें 2.5 मिलियन रिबेट की सहायता से आपस में जोड़ा गया।

18. एफिल टावर की निर्मिती के 125 वर्ष पुरे होने के बाद ब्रिटिश आइलैंड पर $10 के सिक्के के आकार का एक टावर बनाया गया था।

19. कई विमान चालको ने एफिल टावर के चारो तरफ एयरक्राफ्ट उडाये है। 1926 में लीओन कोलिट ऐसा करने में असफल हुए और उनकी मृत्यु हो गयी थी।

20. यह टावर तक़रीबन 6 से 7 सेंटीमीटर हवा में झूलता है।

21. ग्सुतावे एफिल ने तीसरी मंजिल का छोटा सा भाग दोस्तों के मनोरंजन के लिये रखा था, जो आज सामान्य जनता के लिये भी खुला है।

22. 1905 में एक स्थानिक अखबार ने Eiffel tower पर सीढियाँ चढ़ाई की प्रतियोगिता का आयोजन किया था। जिसे ए.एम. फोरेस्तिएर ने जीता था, उन्हें दूसरी मंजिल तक जाने में तक़रीबन 3 मिनट 12 सेकंड का समय लगा था।

23. एफिल टावर और मार्गरेट थैचर का एक ही उपनाम है – ला डैम दे फेर।

24. 1960 में चार्ल्स दे गुल्ले ने टावर को तोड़कर इसे मोंट्रियल के एक्सपो 67 में भेजने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन इसे अस्वीकार किया गया था।

25. एफिल टावर की लिफ्ट को निचे से उपर ले जाने में तक़रीबन €15 का खर्चा लगता है।

26. इसे देखने आने वालो में 10% फ्रेंच, 8% क्रमशः स्पेन और इटली, 7% ब्रिटेन, 7% USA, 5% ब्राज़ील और 5% जर्मनी के लोग है।

27. 1923 में पिअर लाब्रिक ने एफिल टावर की सीढियों को क्षति पहुचाई थी। ऐसा करते हुए उन्हें लगाई हुई शर्त तो जीत ली थी लेकिन स्थानिक पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

28. एफिल टावर को फ्रांस की क्रांति के 100 साल पुरे होने के उपलक्ष में बनाया गया था।

29. 72 इंजिनियर, वैज्ञानिक और गणितज्ञों का नाम टावर की एक बाजू में लिखा गया था, जिन्होंने इस टावर के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

30. हर रात रौशनी से भरे इस टावर में तक़रीबन 25,000 लाइट बल्ब का उपयोग किया जाता है।

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