Hanuman Jayanti Details in Hindi : चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के परम भक्त हनुमान का जन्मदिवस मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के 11वें अवतार श्री हनुमान ने माता अंजना के गर्भ से जन्म लिया था। हनुमान जयन्ती के इस पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ पूरे देश में मनाया जाता है। श्री बजरंगबली हनुमान के स्मरण मात्र से ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और उन्हें किसी बात का भय भी नहीं सताता।
श्री हनुमानजी भगवान श्री रामचंद्र के अनन्य भक्त हैं, जो सत्य और गुणों के अवतार हैं। उन्हें गोस्वामी श्री तुलसीदास द्वारा राम भक्त शिरोमणि के रूप में संबोधित किया गया है। हनुमान जयंती एक पवित्र दिन है जब श्री हनुमान अपने प्रभु भगवान राम के उद्देश्य की सेवा करने पृथ्वी पर अवतरित हुए।
हनुमान जयंती का इतिहास | History of Hanuman Jayanti in Hindi :
वाल्मीकि रामायण के उत्तरकांड के अनुसार, श्री हनुमान वैवस्वत मनु के छठे मन्वन्तर के त्रेता युग के प्रारम्भ में हुए थे। इस तिथि के अनुसार लगभग 25 लाख साल पहले। लोक परंपराओं के अनुसार चैत्र पूर्णिमा को उनकी जन्म तिथि मनाई जाती हैं। वह मंगलवार सुबह के समय अवतरित हुए थे।
हनुमान जयंती का महत्व | Significance of Hanuman Jayanti in Hindi :
हनुमान जयंती का पावन दिवस भारत में पूरे हर्षोल्लास और भक्ति के साथ मनाया जाता है। भक्तों के लिए हनुमान जयंती का खास महत्व है। श्री हनुमान को प्रसन्न करने के लिए भक्त पूरे दिन व्रत रखते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। इस दिन पांच या 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने से पवन पुत्र हनुमान प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते हैं। इस दिन घरों और मंदिरों में विशेष पूजा और भजन-कीर्तन होते हैं। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर चढ़ाया जाता है और सुंदर कांड का पाठ किया जाता है। इस दिन हनुमानजी के कई प्रसिद्ध धामों पर मेले भी लगते हैं।
हनुमान जयंती के व्रत का वैज्ञानिक कारण | Scientific reason behind Hanuman Jayanti Vrat :
मानव का मानसिक स्वास्थ्य चंद्रमा के चक्र से प्रभावित होता है। हनुमान जयन्ती को पूर्णिमा होती है तथा उस दिन चाँद का मानव शरीर पर सबसे गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए प्राचीन संतों ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए चैत्र पूर्णिमा के दिन उपवास करने की सलाह दी है।
2018 में हनुमान जयंती के लिए पूजा का समय:Hanuman ayanti Puja Time :
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 30 मार्च को 19 : 35 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 31 मार्च को 18 : 06 बजे
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