मगरीबकी नमाज़के बाद पढ़नेवाली नवाफिल और उसकी फ़ज़ीलत | ||||||
रकअत | सूरह ए फातिहा (अलहम्दो शरीफ) | सूरह ए इख्लास (कुल्होवल्लाह शरीफ) | नवाफिलकी निय्यत | सूरह यासीन (यासीन शरीफ) | दुआए निस्कुल शाबान | इन नवाफिल नमाज़ की फ़ज़ीलत, बरकत और सवाब |
2 | 1 | 3 | दराज़िए उम्र | 1 | 1 | इस नमाज़की बरकतसे अल्लाह तआला उम्रमें बरकत अता फरमाएगा |
2 | 1 | 3 | कुशादगिए रिज़क | 1 | 1 | इस नमाज़की बरकतसे अल्लाह तआला रिज़क(रोज़ी) मे बरकत अता फरमाएगा |
2 | 1 | 3 | बीमारी बला दूर | 1 | 1 | इस नमाज़की बरकतसे अल्लाह तआला बीमारियां और बालाओंको दूर फरमाएगा |
इशाकी नमाज़के बाद पढ़नेवाली नवाफिल और उसकी फ़ज़ीलत | |||||
रकअत | सूरह ए फातिहा (अलहम्दो शरीफ) | आयतुल कुर्सी | सूरह ए इख्लास (कुल्होवल्लाह शरीफ) | सलाम फेरकर पढ़े | इन नवाफिल नमाज़ की फ़ज़ीलत, बरकत और सवाब |
2 | 1 | — | 5 | जाएज़ दुआ मांगे | इस नमाज़की बरकतसे गुनाहोंसे पाक हो जाएंगे, और जाएज़ दुआ इन्शाअल्लाह कुबूल होगी |
4 | 1 | — | 50 | — | इस नमाज़की बरकतसे गुनाहोंसे ऐसे पाक हो जाएंगे जैसे आज ही अपनी माँ के पेटसे पैदा हुए हो |
2 | 1 | 1 | 100 | 100 बार दुरुद सरीफ पढ़े | रिज़कमे बरकत होगी, रंजो-मुसीबतसे नजात मिलेगी, गुनहॉकी बख्शीश होगी और इन्शाअल्लाह मग़फ़ेरत की जायेगी |
14 दो-दो रकअतसे | 1 | — | 1 | — | इस नमाज़की बरकतसे जो भी जाएज़ दुआ मांगेंगे, इन्शाअल्लाह कुबूल होगी |
शब-ए-बारात के नेक काम
1) सवाब की निय्यत से गुसल करना
2) इबादत के लिए अच्छे और स्वच्छ कपडे पहनना
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3) सुरमा डालना
4) मिस्वाक करना
5) खुसबु लगाना
6) कबरोकि जियारत करना
7) महुमो के लिए मग़फ़ेरतकी दुआ करना
8) बिमरोकी खबर पुछना
9) तहज्जुड़की नमाज़ अदा करना
10) कज़ा नमाज़े और नवाफिल ज़्यादा पढ़ना
11) दरूदो सलाम ज्यादा पढ़ना
12) सूरह-ए-यासीन सरीफ की तिलावत करना
13) नेक अमल करना
14) इबादत में सुस्ती ना करना
15) इस रातको मगरिब की आज़ानसे पहले 40 बार “ला हव्वला वला कुव्वता इल्ला बिल्ला हिल अलिय्यिल अज़ीम” पढ़ना चाहिये
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