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समीक्षा बैठक से क्योँ डर रहा है काँग्रेस का प्रदेश नेतृत्व


एक और उत्तर प्रदेश काँग्रेस मेँ नगर निकाय चुनावोँ की समीक्षा बैठक बुलाए जाने की माँग जोर पकड रही है वहीँ समीक्षा बैठक बुलाने की माँग कर रहे लोगोँ को छुपे शब्दोँ मेँ निलम्बन से लेकर पार्टी से निष्कासन तक की धमकियाँ दी जाने लगी हैँ ।
अभी दो दिन पूर्व मनरेगा फ्लेगशिप प्रोग्राम के प्रभारी रहे सँजय दीक्षित ने प्रदेश अध्यक्ष को मेल भेजकर नगर निकाय चुनावोँ की समीक्षा बैठक बुलाने की माँग की और उन्होने यह जानकारी सोशल मीडिया पर भी डाल दी , खबर है कि उसी दिन शाम को दो पधाधिकारी उनके पास पहुँचे और खुद को उनका शुभचिँतक बताते हुए ऎसी माँग उठाने से मना किया हालाँकि सँजय दीक्षित समीक्षा बैठक के लिए पत्र मेल करने तक की बात तो स्वीकार करते हैँ लेकिन धमकी जैसी किसी बात से इन्कार करते हैँ । उनका यह भी कहना है कि धमकी उसे दी जाती है जो डरता हो , मुझे सच बात कहने मेँ कभी डर नहीँ लगता है इसलिए पार्टी हित मेँ मुझे जो जरूरी लगेगा उसे कहने से मैँ पीछे नहीँ हटूँगा । सूत्र बताते हैँ कि काँग्रेस के ही कुछ कद्दावर नेताओँ की पुश्तपनाही सँजय दीक्षित को हासिल है और ये वे नेता हैँ जिन्हेँ प्रदेश अध्यक्ष के फिल्मी स्टाइल मेँ वनमैन शो की तर्ज पर प्रदेश मेँ पार्टी चलाना रास नहीँ आ रहा है ।
सूत्रोँ के अनुसार प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर का एक टर्म पूरा हो चुका है लेकिन अभी तक वह काँग्रेस को मजबूती देने मेँ कामयाब नहीँ हो पाए हैँ यही नहीँ जिला स्तर पर भी अभी तक उन्होने कोई फेरबदल नहीँ किया है जबकि अधिकाँश जिला कमेटियाँ लगभग निष्क्रिय हैँ । यह बात पिछली 11 जनवरी को तब सामने आई जब लोकसभा चुनावोँ की तैयारी के लिए बुलाई गयी जिला/शहर अधयक्षोँ की बैठक मेँ आधे पदाधिकारी अनुपस्थित रहे और कुछ लोग मँच पर प्रदेश अध्यक्ष के साथ बैठे उनकी कोर कमेटी के एकदम जूनियर लोगोँ के चेहरे देखकर मीटिँग से बाहर चले गए ।
कुछ पार्टी पदाधिकारी समीक्षा बैठक बुलाने की माँग करने वाले सँजय दीक्षित पर यह आरोप भी लगा रहे हैँ कि इन्होने अपनी पत्नी के लिए लगनऊ से मेयर पद के टिकट के लिए दावेदारी की थी लेकिन अँतिम समय मेँ टिकट प्रेमा अवस्थी को दे दिया गया इसको लेकर उनकी नाराजगी है लेकिन सँजय दीक्षित का कहना है कि टिकट को लेकर मेरे मन मेँ कोई मलाल नहीँ है और ना ही मैँ सिर्फ लखनऊ सीट के लिए समीक्षा बैठक बुलाने की माँग कर रहा हूँ । समीक्षा बैठक मेँ तो पूरे प्रदेश के चुनावोँ मैं पार्टी की स्थिति पर चर्चा होनी चाहिए ।
सुविज्ञ सूत्रोँ के मुताबिक यदि समीक्षा बैठक बुलाने की माँग करने पर यदि सँजय दीक्षित के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो कई और तलवारेँ म्यान से बाहर आ सकती हैँ ।
-----भूपेन्दर पाल सिंह 


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