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“आम आदमी पार्टी” व् केजरीवाल के दोहरे मापदंड

आजकल केजरीवाल अंबानी को बड़ी गालियाँ दे रहे हैं, और उसी की आढ़ लेकर मोदी से प्रश्न कर भाजपा पर निशाना साधने का प्रयत्न कर रहे हैं किन्तु मैं पूछना चाहूँगा की अम्बानी कौन है ? कोई माओवादी है क्या ? कोई नक्सली है क्या ? कोई पाकिस्तान समर्थक है क्या ? कोई विदेशी संगठन का एजेंट है क्या ? पाकिस्तानी एजेंसी ISI का समर्थक है क्या ISI से पैसा लेता है क्या ? कश्मीर भारत से अलग करने की बात करता है क्या ? कोई सड़कछाप अपराधी है क्या? और यदि केजरीवाल के पास अंबानी के अपराधों के इतने ही साक्ष्य व् प्रमाण उपलब्ध है तो न्यायालय में जाकर केस क्यों नहीं कर देते ? उनकी पार्टी में तो एक से एक बड़े वकील व् कानूनविद भरे पड़े हैं ?

हो सकता है की अपने उद्योग को बढ़ाने के लिए कोई अनुचित निर्णय अंबानी ने लिए हों, मैं उसका समर्थन नहीं करता, और मेरे अनुसार यदि अपराध किया है तो उसे उसका दंड भी मिलना चाहिए,  किन्तु दंड देने का अधिकार न्यायालय को है!

किन्तु क्या इस बात को झुठलाया जा सकता है अंबानी जैसे उद्योगपतियों के कारण आज देश में करोड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है? आज अंबानी जैसे उद्योगपतियों की वजह से पढ़े-लिखे सुशिक्षित युवाओं को ढंग की सैलरी मिल पा रही है अन्यथा सरकार ने तो जातिगत आरक्षण लागु कर युवाओं के पेट पर लात मारने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी, यदि उद्योगपति न होते तो ये युवा कहाँ जाते ? किसके आगे हाथ फैलाते ? 

अब बात करते है केजरीवाल की और उनकी नीतियों व् पार्टी के लोगों की,


  • “आप” की शाजिया इल्मी ३ वर्षों तक पत्रकार रहीं हैं और उनकी घोषित सम्पत्ति 32 करोड़ की है, क्या केजरीवाल उनसे पूछेंगे की तीन वर्षों में शाजिया ने इतना धन कैसे और कहाँ से कमाया? यदि नहीं तो क्यों नहीं ?  
  • “आप” ने कमल मित्र चिनॉय को पार्टी का सदस्य बनाया जो की पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI से धन लेकर कश्मीर पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण का समर्थन करने वाली सेमिनार में जाकर पाकिस्तान के पक्ष में बोलते थे, और नक्सल समर्थक है वाही नक्सली जो असंख्य निर्दोषों की बर्बरता पूर्वक हत्याएं कर चुके हैं.  
  • “आप” की सदस्य अंजलि दमानिया मीडिया में कहती हैं की उनकी पार्टी में दाउद इब्राहीम जैसे आतंकवादी और अरुण गवली जैसे माफिया का स्वागत है, यही अंजलि दमानिया स्वयं किसानों की कृषि भूमि कौड़ियों के दाम पर खरीद कर उसे बाजार भाव पर बेचकर करोड़ों कमाती हैं, 
  • “आप” ने बस्तर से सोनी सोरी को टिकट दिया है जो की एक नक्सली है, कई निर्दोषों की हत्या की आरोपी है, और उसके ऊपर राष्ट्र के विरुद्ध देशद्रोह और राष्ट्र के विरुद्ध युद्ध छेड़ने जैसे गंभीर मुक़दमे हैं, 
  • “आप” सार्वजानिक रूप से खाप पंचायत का समर्थन करती है, वही खाप पंचायतें जो असंवैधानिक है और महिलाओं से सामूहिक बलात्कार करने जैसे फरमान देती रहीं है, 
  • “आप” कहती है की दिल्ली में कालेजों की 90% सीटें केवल दिल्ली के निवासियों के लिए आरक्षित होंगी, यह छेत्रवाद व् भेदभाव नहीं तो और  क्या है ? क्या केजरीवाल व् "आप" इसे राष्ट्रिय सोच की संज्ञा देते  है? 
  • “आप” व् केजरीवाल इमाम बुखारी की शरण में जाकर उनसे समर्थन मांगते हैं, जो की पाकिस्तान समर्थक ही नहीं बल्कि इमाम बुखारी सार्वजानिक रूप से ये कह चुके हैं की वह ISI एजेंट है, 
  • “आप” अपना प्रचार करने के लिए निर्दोष निरपराध हिन्दुओ के हत्यारे व् बरेली दंगों के सूत्रधार तौकीर रजा को बुलाकर उनसे समर्थन मांगते हैं, और अपना प्रचार करवाते हैं, क्या यह "आप" के सर्वधर्म सम्भाव का उदाहरण है? 
  • “आप” के ऊपर विदेश से मुख्यतः पाकिस्तान व् अमेरिका द्वारा अवैध रूप से धन प्राप्त करने का केस उच्च-न्यायलय में चल रहा है क्या इसपर केजरीवाल कुछ कहेंगे?

अतः जनता को सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए की वह किसका समर्थन करें... राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त लोगों से भरी पार्टी का या राष्ट्र के प्रति समर्पित पार्टी का !!            



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