पाकिस्तान, तीन तलाक और मुस्लमानों को घेरनें का नया ब्रहमनवादी ब्रम्हास्त्र उज्मा,
उज्मा जो अपनें चार साल की बच्ची को छोड़कर इश्क लड़ाने क्वलालंमपुर से होते हुए पाकिस्तान पहुँच गई
अब आगे
जनता का ध्यान सरकार की असफलता और नकारापन से हटाकर पाकिस्तान के खिलाफ भावनात्मक दोहन के लिए मसाला है यह,
सास बहु सीरियल से ऊब रहे दर्शको के लिए नयी कहानी चैनेल वालों की तरफ से है,
मुसलमान और पाकिस्तान को विलेन बनाकर पेश करने से बढ़िया मनोरजन भला और क्या हो सकता है,
अगर शादी के नाम पर विदेशियों से शोषण ही वजह होती तो, पंजाब की हजारो लड़कियों की कहानी जनता के सामने लानी चाहिए थी
#उज्मा के दिये गये बयानों का DNA Mohd Zahid जी के वाल से
दिल्ली की रहने वाली एक मोहतरमा हैं "उज़्मा" जो एक 4 वर्ष की बेटी की माँ हैं और अपने पति से तलाक लेकर अलग रह रहीं थीं। विदेश मंत्रालय के प्रयास और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से सुरक्षित भारत आ गयीं और अपनी दर्दभरी कहानी लाईव आकर सुना रही हैं।
आईए देखिए इनके ही दिए बयान का पोस्टमार्टम रिपोर्ट
• सोशलमीडिया और व्हाट्सअप पर इनकी दोस्ती पाकिस्तान के एक व्यक्ति ताहिर से हो जाती है , जो इश्क मुहब्बत की हदों को पार करके मलेशिया के क्वालालमपुर में रह रहे अपने आशिक से मिलने पहुँच जाती हैं।
ध्यान दीजिए कि उज्मा का कहना है कि वह मलेशिया घूमने गयीं थीं और वहाँ ताहिर से मुलाकात हुई, जबकि वह यह भी बता रहीं कि सोशलमीडिया पर दोस्ती हुई। सच समझ जाईए कि सोशलमीडिया पर दोस्ती हुई और फिर क्वालालम पुर मिलने गयीं या क्वालालमपुर जाकर मिलीं और वहाँ दोस्ती के बाद सोशलमीडिया पर दोस्ती हुई।
थोड़ा अक्ल वाला भी समझ जाएगा क्युँकि कोई तलाकशुदा महिला अपनी 4 वर्ष की बेटी को भारत में ही छोड़कर मलेशिया घूमने नहीं जाएगी।
दूसरा पॉइंट देखिए
वहाँ ताहिर से मामला सेट हो गया , फिर महिला कहती हैं कि पाकिस्तान घूमने गयीं थीं , पाकिस्तान मानो स्विजडरलैंड या आस्ट्रेलिया हो , चलिए पाकिस्तान घूमने भी गयीं तो पाकिस्तान कोई दरियागंज नहीं कि वहाँ फिर ताहिर से मुलाकात हो गयी ? पर मुलाकात हुई।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह महिला पाकिस्तान भी अपनी 4 साल की बेटी को भारत में ही छोड़कर गयीं थीं।
कौन जाता है अकेले पाकिस्तान घूमने ? वह भी अपनी 4 साल की बेटी को छोड़कर ?
खैर तीसरा बिन्दु देखिए
• मजेदार बात यह है कि अपने रिश्तेदार से मिलने गयीं यह महिला ताहिर के हत्थे चढ़ जातीं हैं और इनके अनुसार ताहिर इनको नींद की गोली खिला देता है।
ध्यान दीजिए , सोशल मीडिया से हुई दोस्ती और क्वावालमपुर में मुलाकात के बाद जब यह महिला समझ जाती हैं कि ताहिर ने उनसे अपने बारे में झूठ बोला कि वह कोई बड़ा व्यवसायी है , जबकि वह एक टैक्सी ड्राइवर था , उसके बाद भी उज्मा उनसे मिलती हैं।
चौथा पॉइंट देखिए
• मलेशिया के क्वालालमपुर में रह रहा ताहिर ठीक उन्हीं दिनों पाकिस्तान आता है जब उज्मा अपनी 4 साल की बेटी को छोड़कर कर पाकिस्तान जाती हैं। उसे कैसे पता कि उज्मा उन्हीं दिनों पाकिस्तान आ रही है ? मतलब सब सेटिंग थी।
और उज्मा के यह जान लेने के बाद भी कि वह एक टैक्सी ड्राइवर है और उसने इनसे झूठ बोला फिर भी वह जब पाकिस्तान जाती हैं तो उनसे मिलती हैं।
पाँचवा पॉइंट देखिए
• उज्मा का आरोप है कि ताहिर ने उनको नींद की गोली खिलाई , नींद की गोली किसी सड़क पर चलते या पार्क में बैठते तो खिलाई नहीं होगी ? क्युँकि फिर नींद में सो रहे किसी भी को खासकर एक महिला को वहाँ से कहीं भी ले जाना कैसे संभव है ? वह भी पाकिस्तान जैसी जगह ? जहाँ रेन्जर चारों तरफ रहते हैं ? इसका मतलब कि किसी कमरे में ही खिलाई होगी ? उज्मा उसके साथ उस कमरे में कैसे पहुँच गयी ? या नींद की गोली की बात झूठी है।
कहने का अर्थ यह है कि सब झूठ बोला जा रहा है और पाकिस्तान को गाली देने के नाम पर उसके झूठ को छुपाया जा रहा है। पाकिस्तान में सानिया मिर्जा के विवाह का उदाहरण मैं नहीं दूँगा बल्कि मेरे सैकड़ों रिश्तेदारों का वहाँ जीवन स्तर और वहाँ का समाज देखकर मैं समझ सकता हूँ कि वहाँ का समाज और जीवन स्तर कैसा है। कमियाँ होंगी पर मौत का कूँआ तो बिलकुल नहीं।
उज्मा को मिली मदद की कीमत पर उज्मा का इस्तेमाल किया जा रहा है या वह खुद भारतीय अंबेसी की मदद से सत्ता के करीबी लोगों के संपर्क में आने के बाद शाज़िया इल्मी बनना चाह रहीं हैं ?
दरअसल उज्मा जो भी झूठ सच कह रही हैं उसकी जाँच संभव ही नहीं क्युँकि पूरा मामला पाकिस्तान का है। पर मैंने कुछ छानबीन की है।
दरअसल तलाक शुदा उज्मा सोशलमीडिया पर ताहिर नाम के जिस शख्स के चक्कर में पड़कर अपनी बेटी छोड़कर पहले क्वालालमपुर और फिर पाकिस्तान गयीं और वहाँ जाकर जब विवाह किया तब चार छः दिन बाद पता चला कि ताहिर पहले से ही विवाहित है और उसके चार बच्चे भी हैं।
उज्मा ने बकायदा होशोहवास में निकाह किया है जिसका वीडियो जीओ टीवी पाकिस्तान ने जारी किया है।
विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
उज्मा खुद ठगी गयीं और जब उनको हकीक़त समझ में आई तो उन्होंने भारतीय दूतावास को संपर्क किया , उसका पति ताहिर ही उसे लेकर भारतीय दूतावास आया था जिससे दूर होकर वह दूतावास के किसी अधिकारी के संपर्क में आई।
कानूनी कार्यवाही हुई और मौत के कुआँ स्थित इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मात्र 3 दिन में पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया कि उज्मा को सुरक्षित बाघा बार्डर पार कराया जाए।
भारत में यह आदेश शायद 5-10 साल के मुकदमे के बाद आता , आता भी या नहीं आता यह अंदाजा लगाना मुश्किल है।
कुछ भी हो उज्मा की कहानी बहन बेटियों के लिए एक सबक है कि वह सोशलमीडिया पर संबंधों को बेहद सीमित रखें और किसी पर भी विश्वास ना करें , यहाँ हर व्यक्ति ताहिर है।
दूसरी बात , उज्मा का नौटंकी करके खुद को मासूम और पीड़ित बता कर नाटकबाजी करना और उस नाटकबाजी में विदेश मंत्री और पूरी सरकार का शामिल होना निंदनीय है।
उसे भारतीय दूतावास से सहायता मिलनी चाहिए थी मिली भी तो उसे चुपचाप यह जवाब देना चाहिए था कि 4 साल की बेटी को छोड़कर इश्कबाजी का भूत क्युँ सवार हुआ ? और हुआ तो गलती स्वीकार करके उदाहरण प्रस्तुत करें ना कि पीड़ित बता कर संवेदना बटोरे।
माफ कीजिएगा , पाकिस्तान जाना इतना आसान भी नहीं जितनी अकेले यह लड़की चली गयी , बिना किसी के साथ।
धन्यवाद जस्टिस कियानी , इस बेवकूफ लड़की की गालियों को माफ करिएगा। और भारत सरकार से अनुरोध है कि पाकिस्तान विरोध तो ठीक है पर इसके कारण किसी की नौटंकी में शामिल होना उचित नही
उज्मा जो अपनें चार साल की बच्ची को छोड़कर इश्क लड़ाने क्वलालंमपुर से होते हुए पाकिस्तान पहुँच गई
अब आगे
जनता का ध्यान सरकार की असफलता और नकारापन से हटाकर पाकिस्तान के खिलाफ भावनात्मक दोहन के लिए मसाला है यह,
सास बहु सीरियल से ऊब रहे दर्शको के लिए नयी कहानी चैनेल वालों की तरफ से है,
मुसलमान और पाकिस्तान को विलेन बनाकर पेश करने से बढ़िया मनोरजन भला और क्या हो सकता है,
अगर शादी के नाम पर विदेशियों से शोषण ही वजह होती तो, पंजाब की हजारो लड़कियों की कहानी जनता के सामने लानी चाहिए थी
#उज्मा के दिये गये बयानों का DNA Mohd Zahid जी के वाल से
दिल्ली की रहने वाली एक मोहतरमा हैं "उज़्मा" जो एक 4 वर्ष की बेटी की माँ हैं और अपने पति से तलाक लेकर अलग रह रहीं थीं। विदेश मंत्रालय के प्रयास और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से सुरक्षित भारत आ गयीं और अपनी दर्दभरी कहानी लाईव आकर सुना रही हैं।
आईए देखिए इनके ही दिए बयान का पोस्टमार्टम रिपोर्ट
• सोशलमीडिया और व्हाट्सअप पर इनकी दोस्ती पाकिस्तान के एक व्यक्ति ताहिर से हो जाती है , जो इश्क मुहब्बत की हदों को पार करके मलेशिया के क्वालालमपुर में रह रहे अपने आशिक से मिलने पहुँच जाती हैं।
ध्यान दीजिए कि उज्मा का कहना है कि वह मलेशिया घूमने गयीं थीं और वहाँ ताहिर से मुलाकात हुई, जबकि वह यह भी बता रहीं कि सोशलमीडिया पर दोस्ती हुई। सच समझ जाईए कि सोशलमीडिया पर दोस्ती हुई और फिर क्वालालम पुर मिलने गयीं या क्वालालमपुर जाकर मिलीं और वहाँ दोस्ती के बाद सोशलमीडिया पर दोस्ती हुई।
थोड़ा अक्ल वाला भी समझ जाएगा क्युँकि कोई तलाकशुदा महिला अपनी 4 वर्ष की बेटी को भारत में ही छोड़कर मलेशिया घूमने नहीं जाएगी।
दूसरा पॉइंट देखिए
वहाँ ताहिर से मामला सेट हो गया , फिर महिला कहती हैं कि पाकिस्तान घूमने गयीं थीं , पाकिस्तान मानो स्विजडरलैंड या आस्ट्रेलिया हो , चलिए पाकिस्तान घूमने भी गयीं तो पाकिस्तान कोई दरियागंज नहीं कि वहाँ फिर ताहिर से मुलाकात हो गयी ? पर मुलाकात हुई।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह महिला पाकिस्तान भी अपनी 4 साल की बेटी को भारत में ही छोड़कर गयीं थीं।
कौन जाता है अकेले पाकिस्तान घूमने ? वह भी अपनी 4 साल की बेटी को छोड़कर ?
खैर तीसरा बिन्दु देखिए
• मजेदार बात यह है कि अपने रिश्तेदार से मिलने गयीं यह महिला ताहिर के हत्थे चढ़ जातीं हैं और इनके अनुसार ताहिर इनको नींद की गोली खिला देता है।
ध्यान दीजिए , सोशल मीडिया से हुई दोस्ती और क्वावालमपुर में मुलाकात के बाद जब यह महिला समझ जाती हैं कि ताहिर ने उनसे अपने बारे में झूठ बोला कि वह कोई बड़ा व्यवसायी है , जबकि वह एक टैक्सी ड्राइवर था , उसके बाद भी उज्मा उनसे मिलती हैं।
चौथा पॉइंट देखिए
• मलेशिया के क्वालालमपुर में रह रहा ताहिर ठीक उन्हीं दिनों पाकिस्तान आता है जब उज्मा अपनी 4 साल की बेटी को छोड़कर कर पाकिस्तान जाती हैं। उसे कैसे पता कि उज्मा उन्हीं दिनों पाकिस्तान आ रही है ? मतलब सब सेटिंग थी।
और उज्मा के यह जान लेने के बाद भी कि वह एक टैक्सी ड्राइवर है और उसने इनसे झूठ बोला फिर भी वह जब पाकिस्तान जाती हैं तो उनसे मिलती हैं।
पाँचवा पॉइंट देखिए
• उज्मा का आरोप है कि ताहिर ने उनको नींद की गोली खिलाई , नींद की गोली किसी सड़क पर चलते या पार्क में बैठते तो खिलाई नहीं होगी ? क्युँकि फिर नींद में सो रहे किसी भी को खासकर एक महिला को वहाँ से कहीं भी ले जाना कैसे संभव है ? वह भी पाकिस्तान जैसी जगह ? जहाँ रेन्जर चारों तरफ रहते हैं ? इसका मतलब कि किसी कमरे में ही खिलाई होगी ? उज्मा उसके साथ उस कमरे में कैसे पहुँच गयी ? या नींद की गोली की बात झूठी है।
कहने का अर्थ यह है कि सब झूठ बोला जा रहा है और पाकिस्तान को गाली देने के नाम पर उसके झूठ को छुपाया जा रहा है। पाकिस्तान में सानिया मिर्जा के विवाह का उदाहरण मैं नहीं दूँगा बल्कि मेरे सैकड़ों रिश्तेदारों का वहाँ जीवन स्तर और वहाँ का समाज देखकर मैं समझ सकता हूँ कि वहाँ का समाज और जीवन स्तर कैसा है। कमियाँ होंगी पर मौत का कूँआ तो बिलकुल नहीं।
उज्मा को मिली मदद की कीमत पर उज्मा का इस्तेमाल किया जा रहा है या वह खुद भारतीय अंबेसी की मदद से सत्ता के करीबी लोगों के संपर्क में आने के बाद शाज़िया इल्मी बनना चाह रहीं हैं ?
दरअसल उज्मा जो भी झूठ सच कह रही हैं उसकी जाँच संभव ही नहीं क्युँकि पूरा मामला पाकिस्तान का है। पर मैंने कुछ छानबीन की है।
दरअसल तलाक शुदा उज्मा सोशलमीडिया पर ताहिर नाम के जिस शख्स के चक्कर में पड़कर अपनी बेटी छोड़कर पहले क्वालालमपुर और फिर पाकिस्तान गयीं और वहाँ जाकर जब विवाह किया तब चार छः दिन बाद पता चला कि ताहिर पहले से ही विवाहित है और उसके चार बच्चे भी हैं।
उज्मा ने बकायदा होशोहवास में निकाह किया है जिसका वीडियो जीओ टीवी पाकिस्तान ने जारी किया है।
विडियो देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
उज्मा खुद ठगी गयीं और जब उनको हकीक़त समझ में आई तो उन्होंने भारतीय दूतावास को संपर्क किया , उसका पति ताहिर ही उसे लेकर भारतीय दूतावास आया था जिससे दूर होकर वह दूतावास के किसी अधिकारी के संपर्क में आई।
कानूनी कार्यवाही हुई और मौत के कुआँ स्थित इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मात्र 3 दिन में पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया कि उज्मा को सुरक्षित बाघा बार्डर पार कराया जाए।
भारत में यह आदेश शायद 5-10 साल के मुकदमे के बाद आता , आता भी या नहीं आता यह अंदाजा लगाना मुश्किल है।
कुछ भी हो उज्मा की कहानी बहन बेटियों के लिए एक सबक है कि वह सोशलमीडिया पर संबंधों को बेहद सीमित रखें और किसी पर भी विश्वास ना करें , यहाँ हर व्यक्ति ताहिर है।
दूसरी बात , उज्मा का नौटंकी करके खुद को मासूम और पीड़ित बता कर नाटकबाजी करना और उस नाटकबाजी में विदेश मंत्री और पूरी सरकार का शामिल होना निंदनीय है।
उसे भारतीय दूतावास से सहायता मिलनी चाहिए थी मिली भी तो उसे चुपचाप यह जवाब देना चाहिए था कि 4 साल की बेटी को छोड़कर इश्कबाजी का भूत क्युँ सवार हुआ ? और हुआ तो गलती स्वीकार करके उदाहरण प्रस्तुत करें ना कि पीड़ित बता कर संवेदना बटोरे।
माफ कीजिएगा , पाकिस्तान जाना इतना आसान भी नहीं जितनी अकेले यह लड़की चली गयी , बिना किसी के साथ।
धन्यवाद जस्टिस कियानी , इस बेवकूफ लड़की की गालियों को माफ करिएगा। और भारत सरकार से अनुरोध है कि पाकिस्तान विरोध तो ठीक है पर इसके कारण किसी की नौटंकी में शामिल होना उचित नही
(लेखक मोहमद जाहिद के निजी विचार है, सोशल डायरी (activist007) से कोई सरोकार नहीं)