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Kidney Stone : महिलाओं में बढ़ रहे हैं किडनी स्टोन के मामले, इन लक्षणों को ना करें अनदेखा

Kidney Stone :  वैज्ञानिक युग में किडनी में पथरी से निजात दिलाने का उपचार सरल है

Kidney Stone : जिंदगी में बढ़ती रफ्तार के साथ आज मानव शरीर के अंदर कई तरह की बीमारियों ने अपना गढ़ बना लिया हैं जिसमें  शरीर में गुर्दे की पथरी यानि किडनी स्टोन बहुत ही आम समस्या के रुप में सामने आ रही है.
हैरानी की बात यो यह है कि पुरूषों की अपेक्षा किडनी स्टोन के मामले महिलाओं में तीन गुना देखने को मिल रहे हैं.
क्या है किड़नी स्टोन
इस बिमारी में किडनी के अंदर पथरी के रूप में मिनरल्स और नमक मिलकर एक ठोस पत्थर जैसा रूप ले लेते हैं. इसका आकार रेत के दाने से लेकर गेंद तक में पनप सकता है.
दरअसल पथरी शरीर के चार हिस्सों में होती है लेकिन किडनी में होने वाली पथरी सबसे दर्दनाक अवस्था में मानी जाती है.
गलत खान-पान और शरीर में कम पानी की मात्रा पथरी का मुख्य कारण माना जाता है. आमतौर पर पथरी मूत्र के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाती है लेकिन कई बार आकार बढ़ जाने पर यह भयावह रुप बनकर उभर जाती है जिसे ऑपरेशनन करके निकालना पड़ता है.
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किड़नी स्टोन के लक्षण
बता दें कि गुर्दे की पथरी में पीठ के एक तरफ या पेट के निचले हिस्से में अचानक से असहनीय दर्द होता है,  जो चंद पल से लंबे अंतराल तक की अवधि तक बना रह सकता है.
दर्द के अलावा पेशाब करने में तकलीफ होना, पेशाब से बदबू आना, अधिक बार पेशाब करने की इच्छा होना और पेशाब के रंग का पीला होने के लक्षण स्टोन की समस्या की तरफ इशारा करते हैं.
यही नहीं अगर जी मिचलाने या उल्टी होने जैसे लक्षण भी महसूस होंने लगे, साथ ही ठंड लगना, बुखार आ जाना, पसीने का अधिक आना, पेशाब आने के साथ-साथ दर्द होना और पेशाब में रक्त आना भी गंभीर लक्षणों में शामिल हैं.
क्या हैं कारण 
किड़नी में स्टोन शरीर में कैल्शियम या प्रोटीन की मात्रा का बढ़ जाने की वजह से हो सकता है. वहीं ज्यादा नमक या प्रोटीन डाइट जैसे कि मटन, चिकन, पनीर, फिश, अंडा, दूध आदि चीजों का ज्यादा खाने से यूरिन में यूरिक एसिड की मात्रा भी इसका मुख्य कारण माना जाता है.
इसके साथ ही माना गया है कि कुछ विशेष क्षेत्र से जुड़े होने पर भी यह बीमारी आमतौर पर हो सकती है जैसे कि पहाड़ी इलाकों, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान जैसे उत्तरी इलाकों में किड़नी स्टोन का खतरा ज्यादा रहता है.
वहीं अधिक गर्म स्थानों पर काम करना जैसे कि भट्टी के आसपास काम करने वालों या ड्राइवरों में स्टोन की समस्या आम मानी गई है.
डॉक्टर्स के मुताबिक यूरिनरी ब्लैडर यानी मूत्राशय की बनावट में कोई गड़बड़ी, लगातार कब्ज का बने रहना, किडनी में इंफेक्शन और लंबे समय तक बिस्तर पर लगातार लेटे रहना जैसे कि पैरालिसिस या कमर की हड्डी टूटने वाले मरीज भी इस बीमारी के कारण हो सकते हैं.
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जांच और उपचार
शरीर में किड़नी के लक्षण दिखने पर शीघ्र जांच कराने से रोग की गंभीरता से बचा जा सकता है. पथरी के होने की जांच यूरिन टेस्ट, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, न्यूक्लियर स्कैन जैसी मेडिकल सुविधाओं से जल्द ही की जा सकती हैं.
आमतौर पर किड़नी स्टोन के लिए दुनिया भर में इलाज उपलब्ध हैं, अच्छे से अच्छे डॉक्टर्स और दवाओं से स्टोन की बीमारी पर काबू पा लिया जाता है.
मौजूदा दौर में डॉक्टरों ने मरीजों के पथरी के आकार, गंभीरता, लक्षण और रोगी के शरीर के अनुसार उपचार मुहैया कराते हैं. वहीं एलोपैथी, होम्योपैथी और आयुर्वेद ने स्टोन से पीड़ित लोगों को राहत दिलाने के लिए भी काफी तरक्की कर ली है.
यही नहीं घरेलू उपचार और सावधानियों से भी स्टोन से निजात पायी जा सकती है. साथ ही पथरी निकलने के बाद और होने से पहले परहेज, सावधानी और देख-रेख से इस सामान्य बनती जा रही समस्या से निजात पाया जा सकता है.

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