अक्सर देखने और सुनने को मिलता है कि अचानक एक हाथ या पैर सुन्न पड़ जाता है। काफी देर मूवमेंट करने के बाद हाथ या पैर नॉर्मल होता है। अगर इस पर ध्यान नहीं दिया जाए तो धीरे-धीरे यह परेशानी रोजाना होने लगती है। हालांकि यह बीमारी गंभीर नहीं है। अगर सही वक्त पर इलाज मिलता है और मरीज तय समय पर दवाओं का सेवन करता है तो उसे इससे छुटकारा मिल सकता है। वैसे इस बीमारी को कॉर्पल टर्नल सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है।
एक ही हाथ से लगातार काम करने से यह परेशानी हो सकती है। यह कारण ज्यादातर लोगों में देखने को मिलता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को तीन गुना ज्यादा इस बीमारी की संभावना रहती है। कंप्यूटर पर कार्य करने वाले, कारपेंटर, ग्रॉसरी-चेकर, मजदूर, मीट पैक करने वाले, संगीतकार, मकैनिक इसका शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा मधुमेह व थायराइड की वजह से भी यह परेशानी हो सकती है।
लक्षण-
-हाथों और अंगुलियों में झुनझुनाहट या सुन्न पड़ना विशेषकर अंगूठे, बीजक व मध्य अंगलियों में।
-कलाई, हथेली और बाजुओं में दर्द।
-दिन की तुलना में रात के दौरान अधिक दर्द व सुन्न पड़ जाना। यह दर्द बहुत बुरी तरह से हो सकता है। आप अपने हाथ को आराम दिलाने के लिए रगड़ या हिला सकते हैं।
-जब आप अपने हाथ या कलाई का अधिक इस्तेमाल करते हों तो अधिक दर्द हो सकता है।
-कोई भी वस्तु उठाते समय अधिक परेशानी होना।
-अंगूठे में कमजोरी महसूस करना।
उपचार
डॉक्टर्स के मुताबिक, यदि कार्पल टर्नल सिंड्रोम किसी प्रकार की चिकित्सकीय समस्या से होता है तो डॉक्टर सबसे पहले उस दिक्कत को ठीक करते हैं। फिर वह कलाई को आराम दिलाने को कहेगें या आप कैसे अपने हाथ का इस्तेमाल करते हों, उसे बदलने के लिए कहेगें। कलाई में स्पलिंट (आधी कमर के नीचे बांधी जाने वाली पट्टी) को भी बांध सकते हैं। स्पलिंट पहनने के बाद आप अपनी कलाई को हिला-डुला भी नहीं पाएंगे लेकिन सामान्य क्रियाएं जरूर कर सकते हैं। आप अपनी कलाई पर बर्फ रखकर उससे मालिश कर सकते है और साथ ही कुछ खिंचाव वाले व्यायाम भी इससे निजात दिलाने में आपकी मदद कर कर सकते हैं।
कार्पल टर्नल सिंड्रोम में राहत दिलाने वाले कुछ टिप्स...
-जब आप लेटे हुए हो तो अपनी बाजुओं को तकिए पर रखकर खींचे।
-विभिन्न यंत्रों के इस्तेमाल द्वारा अपने हाथों का नए ढंग से इस्तेमाल करना सीखें।
-दूसरे हाथ का भी अधिक इस्तेमाल करें।
-ज्यादा देर तक अपनी कलाई को नीचे झुका कर न रखें।
गरम पानी का सेंक
सबसे पहले प्रभावित जगह पर गरम पानी की बोतल का सेंक रखें। इससे वहां की ब्लड सप्पलाई बढ़ जाएगी। इससे मासपेशियां और नसें रिलैक्स होंगी। एक साफ कपड़े को गरम पानी में 5 मिनट के लिये भिगोएं और फिर उससे प्रभावित जगह को सेंके। आप चाहें तो गरम पानी से स्नान भी कर सकती हैं।.
हल्दी
हल्दी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं। साथ ही यह सूजन, दर्द और परेशानी को भी कम करती है। एक गिलास दूध में 1 चम्मच हल्दी मिक्स कर के हल्की आंच पर पकाएं। इसे पीने से काफी राहत मिलेगी। आप हल्दी और पानी के पेस्ट से प्रभावित स्थान की मसाज भी कर सकते हैं।
दालचीनी
दालचीनी में कैमिकल और न्यूट्रियंट्स होते हैं जो हाथ और पैरों में ब्लड फ्लो को बढ़ाते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं रोजाना 2-4 ग्राम दालचीनी पावडर को लेने से ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इसको लेने का अच्छा तरीका है कि एक गिलास गरम पानी में 1 चम्मच दालचीनी पावडर मिलाएं और दिन में एक बार पियें। दूसरा तरीका है कि 1 चम्मच दालचीनी और शहद मिला कर सुबह कुछ दिनों तक सेवन करें।
प्रभावित हिस्से को ऊपर उठाएं
हाथ और पैरों के खराब ब्लड सर्कुलेशन से ऐसा होता है। इसलिये उस प्रभावित हिस्से को ऊपर की ओर उठाइये जिससे वह नार्मल हो सके। इससे सुन्न वाला हिस्सा ठीक हो जाएगा। आप अपने प्रभावित हिस्से को तकिये पर ऊंचा कर के भी लेट सकते हैं।
हाथ और पैरों के खराब ब्लड सर्कुलेशन से ऐसा होता है। इसलिये उस प्रभावित हिस्से को ऊपर की ओर उठाइये जिससे वह नार्मल हो सके। इससे सुन्न वाला हिस्सा ठीक हो जाएगा। आप अपने प्रभावित हिस्से को तकिये पर ऊंचा कर के भी लेट सकते हैं।
खूब खाएं Vitamin B फूड
अगर हाथ पैरों में जन्नाहट होती है तो अपने आहार में ढेर सारे विटामिन बी, बी6 और बी12 को शामिल करें। इनके कमी से हाथ, पैरों, बाजुओं और उंगलियों में सुन्नता पैदा हो जाती है। आपको अपने आहार में अंडे, अवाकाडो, मीट, केला, बींस, मछली, ओटमील, दूध, चीज़, दही, मेवे, बीज और फल शामिल करने चाहिये। आप चाहें तो vitamin B-complex supplement भी दिन में दो बार खा सकते हैं।
मसाज
जब भी हाथ पैर सन्न हो जाएं तब उन्हें मसाज देना शुरु कर दें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। गरम जैतून तेल, नारियल तेल या सरसों के तेल से मसाज करें।
व्यायाम
व्यायाम करने से शरीर में ब्लड र्स्कुलेशन होता है और वहां पर ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है। रोजाना हाथ और पैरों का 15 मिनट व्यायाम करना चाहिये। इसके अलावा हफ्ते में 5 दिन के लिये 30 मिनट एरोबिक्स करें, जिससे आप हमेशा स्वस्थ बने रहें।
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