Ovarian Cancer Meaning in Hindi
ओवेरियन कैंसर को ओवरी का कैंसर और अंडाशय कैंसर भी कहते है| इस कैंसर की शुरुआत अंडाशय में होती है| महिलाओं में पायी जाने वाली प्रजनन ग्रंथियों (Reproductive glands) को अंडाशय कहते है| महिलाओं में प्रजनन के लिए अंडो का उत्पादन अंडाशय में ही होता है| प्रजनन के लिए उत्पन्न हुये अंडे फैलोपियन ट्यूब्स से होते हुए महिलाओं के गर्भाशय में जाते हैं| ओवेरियन कैंसर के लक्षण लम्बे समय के बाद नजर आते है, इसीलिए इस कैंसर को ‘साइलेंट किलर’ का नाम भी दिया गया है|
यहाँ पर ही निषेचित अंडा प्रवेश करता है, और फिर भ्रूण में इसका विकास होता है| अंडाशय में प्रोजेस्ट्रोन और एस्ट्रोजन जैसे महिला हॉर्मोन्स भी पाये जाते है| ओवेरियन अर्थात अंडाशय कैंसर का मुख्य कारण उम्र का बढ़ना है| महिलाओं में होने वाले कैंसर में ओवरी में कैंसर कोशिकाओं का विकास 4% तक होने की सम्भावना बढ़ जाती है|
ओवेरियन कैंसर का विकास महिलाओं में बहुत तेजी से होता है| ओवेरियन कैंसर महिलाओं की मृत्यु का बड़ा कारण बनके सामने आ रहा है| आइये विस्तार से जाने महिलाओं में होने वाले ओवेरियन कैंसर के बारे में विस्तार से|
ओवेरियन कैंसर के कारण (Ovarian Cancer Causes in Hindi)
1. ओवेरियन कैंसर अनुवांशिक होता है अर्थात अगर आपके परिवार में किसी को ओवेरियन कैंसर रहा है, तो आपको यह कैंसर होने के चांस बढ़ जायेगे|
2. 40 साल की उम्र से पहले स्तन कैंसर होने पर ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है|
3. अगर आपके परिवार में या किसी करीबी रिश्तेदार को 50 साल से पहले स्तन कैंसर हुआ हो|
4. एंडोमेट्रियोसिस का निदान कराये जाने वाली महिलाओं में ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है|
5. 50 साल की उम्र पार करने के बाद ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है|
6. मोटापा भी ओवेरियन कैंसर होने का कारण बन सकता है|
7. हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी कराने वाली महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है|
ओवेरियन कैंसर के लक्षण (Ovarian Cancer Symptoms in Hindi)
- पेट में सूजन होना
- पेट में या श्रोणि में दर्द होना
- खाना अच्छा ना लगना
- मासिक धर्म मर परिवर्तन होना
- बार बार पेट खराब होना
- पेशाब बार बार होना
- शारीरिक थकान होना
- पीठ में हमेशा दर्द रहना
- पेट फूलना
- कब्ज की समस्या बने रहना
ओवेरियन कैंसर के प्रकार (Types of Ovarian Cancer in Hindi)
- एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर
- अंडाशयी टेराटोमा
- प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर
- अंडाशयी ग्रैनुलोसा ट्यूमर
- फैलोपियन ट्यूब कैंसर
- बॉर्डरलाइन ओवेरियन ट्यूमर
ओवेरियन कैंसर के चरण (Ovarian Cancer Stage in Hindi)
पहली स्टेज – पहली स्टेज में ओवेरियन कैंसर एक या दोनों अंडाशयों तक ही फैलता है|
दूसरी स्टेज – दूसरी स्टेज में कैंसर श्रोणि तक फ़ैल जाता है|
तीसरी स्टेज – तीसरी स्टेज में कैंसर पेट तक फ़ैल जाता है|
चौथी स्टेज – चौथी स्टेज में कैंसर पेट और पेट से बाहर अन्य अंगो में फ़ैल जाता है|
ओवेरियन कैंसर से बचाव के तरीके (Ovarian Cancer Prevention in Hindi)
1. ओवेरियन कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को रक्त-कैल्शियम दर की नियमित रूप से जाँच कराते रहना चाहिए|
2. ट्यूबल लिगेशन और हिस्टेरेक्टॉमी से बचना चाहिए|
3. गर्भनिरोधक गोलियां ना खाये| गर्भनिरोधक गोलियां ओवेरियन कैंसर होने का बड़ा कारण है| गर्भनिरोधक खाने के 30 साल बाद तक भी ओवेरियन कैंसर होने का खतरा बना रहता है|
4. अगर आपके परिवार में किसी को भी गर्भाशय कैंसर, कॉलन कैंसर या प्रोस्टेट कैंसर रहा है, तो आपको इस कैंसर के लक्षण को अच्छे तरीके से जानकर इनका ध्यान रखना चाहिए|
5. अपने वजन को कण्ट्रोल में रखे और रोजाना व्यायाम करे|
ओवेरियन कैंसर होने पर क्या खाये (Ovarian Cancer Diet in Hindi)
1. पत्तेदार हरी सब्जियां अधिक खाये|
2. टमाटर और गाजर अधिक खाये|
3. कार्बोहाइड्रेट्स युक्त साबुत अनाज अधिक खाये
4. सोया सोया मिल्क और सोयाबीन जैसी प्रोटीन युक्त चीजे खाये|
5. अदरक, अलसी और ग्रीन टी जैसी चीजों का सेवन करे|
ओवेरियन कैंसर होने पर क्या ना खाये
1. अधिक वसा युक्त भोजन
2. डेरी उत्पाद का सेवन ना करे
3. प्रोटीन युक्त आहार
4. रेड मीट ना खाये
5. कार्बोनेटेड सोडा और कैफीन का सेवन ना करे
इस पोस्ट में आपने ओवेरियन कैंसर के बारे में जाना| ओवेरियन कैंसर महिलाओं में तेजी से फ़ैल रहा है| अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते है, तो इसके लक्षण को पहचान कर इसका समय से इलाज कराये| ओवेरियन कैंसर होने वाले कारणों से खुद का बचाव करे|
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