थम जा ए वक़्त, ठहर जा
जीना नहीं अब उसके बिन
है वो नूर मेरे दिल-ए -जिगर की
कैसे जियूँ बिन उसके ये बता
धुंधला सी गयी है अब हंसी मेरी
रुलाके चल न देना कहीं
ये जो एहसास है मेरे दिल का
पहचान ले तू यारा
ये धड़कन अब है मौताज तेरी
हालत ये तू जान ले
बिन वजूद घुट रहा हूँ
तेरे बिन इस चौराहे पे
ये हवायें अगर पहुंचा दे
उस तक मेरे दिल की खामोशियाँ
शायद, इकरार फरमाएंगी तब
उसकी नूरानी अखियां
Copyright @ Ajay Pai 8th May 2017