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Mera Vidyalaya Essay in Hindi – मेरा विद्यालय पर निबंध

दोस्तो आज हमने Mera Vidyalaya Essay in Hindi लिखा है मेरा विद्यालय पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है. इस लेख में हमने विद्यालय के बारे में बताया है विद्यालय और शिक्षा हमारे जीवन में किस प्रकार महत्व रखती है यह हमने निबंध की सहायता से बताया है. शिक्षा प्राप्त करके हम किसी भी असंभव कार्य को कर सकते हैं इसलिए हमें विद्यालय जरूर जाना चाहिए.

(1) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for Class 2,3


मेरा विद्यालय दिल्ली शहर में स्थित है यह मेरे घर से पांच मिनट की दूरी पर ही पड़ता है यह एक आदर्श विद्यालय हैं. मेरा विद्यालय नर्सरी से लेकर कक्षा आठ तक है. मेरा विद्यालय दो मंजिला इमारत में बना हुआ है जिसमें तीस हवादार कक्ष है. मेरे विद्यालय के चारों ओर सफेद रंग किया गया है जो कि देखने में बहुत ही सुंदर और मन को शांति पहुंचाता है.

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विद्यालय में बीस अध्यापक-अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि हमें अलग-अलग विषय पढ़ाते है. विद्यालय के पीछे एक ग्राउंड है जिसमें पेड़ पौधे लगे हुए हैं और हम वहीं पर सुबह प्रार्थना करते हैं और आधी छुट्टी होने पर वही पर हम खेलते है. हमारे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत रहता है.

मेरे विद्यालय में कोई सांस्कृतिक एवं अन्य प्रतियोगिताएं होती है. मेरे विद्यालय के प्रधानाचार्य बहुत ही सज्जन व्यक्ति हैं वह हमें रोज शिक्षाप्रद कहानी सुनाते हैं मुझे मेरा विद्यालय बहुत पसंद है.

(2) Mera Vidyalaya Essay in Hindi for class 4,5,6,7,8


मेरे विद्यालय का नाम आदर्श उच्च माध्यमिक विद्यालय है यह हमारे शहर के सबसे अच्छे विद्यालय में से एक है. हमारे विद्यालय में लगभग 800 विद्यार्थी पढ़ते है, मेरा विद्यालय कक्षा 6 से 12वीं तक है. विद्यालय में 40 अध्यापक अध्यापिकाओं का स्टाफ है और 4 चपरासी हैं और एक दरबान है.

विद्यालय शहर के शोर शराबे से दूर एक शांति स्थल पर स्थित है जिसके कारण हमें पढ़ने में कोई दिक्कत नहीं आती है. विद्यालय के चारों ओर बहुत हरियाली है जिससे वहां का वातावरण बहुत ही अच्छा है. विद्यालय में 50 कमरे है. मेरे विद्यालय में एक कंप्यूटर लैब है

जिसमें हम कंप्यूटर की जानकारी लेते हैं और एक लाइब्रेरी भी है जहां पर हम अखबार पढ़ते हैं और अच्छे कवियों द्वारा लिखी गई किताबें भी पढ़ते हैं यहां पर करीब 1000 किताबों का संग्रह है.

विद्यालय में प्रधानाचार्य जी के बैठने के लिए एक अलग कार्यालय बनाया गया है जो कि बहुत ही सुंदर है वहां पर अच्छी सजावट की गई है. विद्यालय में जगह-जगह पर कूड़ादान लगाए गए हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

विद्यालय मैं एक बड़ा खेल का मैदान है जहां पर हम रोज खेलते हैं विद्यालय में हमें हर सप्ताह कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन, हॉकी, क्रिकेट आदि खेलना सिखाया जाता है.

विद्यालय में NCC और स्काउट भी है. विद्यालय में कुछ दिनों पहले ही वार्षिक उत्सव मनाया गया था जिसमें हमने खूब बढ़ चढ़कर भाग लिया था इसमें हमें पुरस्कार भी मिला था.

मेरे विद्यालय के सभी लोग बहुत अच्छे हैं यहां पर पढ़ाई भी बहुत अच्छी होती है इसीलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अच्छा लगता है.

(3) Mera Vidyalaya Essay in Hindi 500 words


विद्यालय का नाम प्रेरणा पब्लिक स्कूल है इस विद्यालय से हर बार 10वीं और 12वीं कक्षा में विद्यार्थी मैरिट में आते है इसलिए आज से यह विद्यालय पढ़ाई के क्षेत्र में बहुत ही अच्छा है साथ ही यहां के छात्र-छात्राएं खेलकूद में भी अव्वल रहते है.

यहां पर आने वाले हर विद्यार्थी को अच्छी शिक्षा दी जाती है. विद्यालय में प्रवेश करते हैं मां सरस्वती का मंदिर है जो कि संगीत और विद्या की देवी है हम सबसे पहले उनके दर्शन करते हैं फिर उनसे प्रार्थना करते है. मेरे विद्यालय का गर्मियों में टाइम 7:00 बजे से 1:00 बजे तक का होता है और सर्दियों में 10:00 बजे से 4:00 बजे तक का होता है.

विद्यालय में कक्षा प्रारंभ होने से पहले मैदान में प्रार्थना करवाई जाती है और प्रत्येक दिन हमारे प्रधानाचार्य हमें कुछ नई बातें बताते हैं जो कि हमारे बहुत काम आती है यहीं पर हमें विद्यालय में होने वाले कार्यक्रमों की सूचना भी दी जाती है.

Mera Vidyalaya में छात्र और छात्राएं एक साथ पढ़ते है. विद्यालय में प्रत्येक कक्षा के लिए दो कमरे बनवाए गए हैं ताकि बच्चों की संख्या अधिक होने पर दूसरा सेक्शन बनाया जा सके. विद्यालय का भवन बहुत ही सुंदर, खुला और हवादार है.
विद्यालय के आगे दो बगीचे हैं जिनमें तरह-तरह के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जो कि देखने में भी सुंदर लगते हैं और साथ ही विद्यालय के वातावरण को भी सुगंधित बना देते है. विद्यालय में एक कैंटीन भी है जहां पर हम दोपहर में खाना खा सकते है.

विद्यालय में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को और गरीब छात्र-छात्राओं को हर साल छात्रवृत्ति दी जाती है. मेरे विद्यालय की ड्रेस सफेद शर्ट, नीली पेंट, कमर में पहनने के लिए बेल्ट है और एक नीले रंग की टाई है जो कि मुझे बहुत पसंद है.

विद्यालय में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टेबल और कुर्सी लगे हुए हैं जिस पर हम आराम से बैठकर पढ़ाई कर सकते है. मेरे विद्यालय में एक पुस्तकालय और एक कंप्यूटर लैब भी है. विद्यालय के मैदान में घात लगाई हुई है जिसके कारण रेत नहीं उड़ती है और विद्यालय साफ सुथरा रहता है.

विद्यालय के चारों ओर ऊंची चारदीवारी है जिससे कोई अन्य व्यक्ति विद्यालय में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरे विद्यालय में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी होती हैं जिनमें हम बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. हमें योगा भी सिखाया जाता है जिससे हमारा स्वास्थ्य एकदम सही रहता है और हम हर रोज विद्यालय जा पाते है.

मेरे विद्यालय में अनेक प्रकार की खेल खेलने भी शिकायत जाते हैं जिनमें खो-खो, कबड्डी, क्रिकेट, शतरंज, फुटबॉल आदि सिखाए जाते है और हर साल हमारे विद्यालय के विद्यार्थी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं पिछले साल क्रिकेट में हमारे विद्यालय के विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिला था.

Mera Vidyalaya के प्रधानाचार्य बहुत अच्छे हैं उन्होंने जब से अपना कार्यभार संभाला है तब से विद्यालय की प्रतिष्ठा और बढ़ गई है. मेरे विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद भी कराया जाता है इससे हमारा सर्वागीण विकास होता है इसलिए मुझे मेरा विद्यालय बहुत अधिक पसंद है.

(4) My School Essay in Hindi 1100 Words


मेरा विद्यालय बहुत सुंदर है और मुझे बहुत अच्छा लगता है मेरा विद्यालय मेरे घर से लगभग 2 किलोमीटर दूर पड़ता है इसलिए हमारे विद्यालय से रोज एक पीले रंग की स्कूल बस समय लेने आती है मेरी माता जी रोज मुझे बस में बिठा कर स्कूल भेजती है.

मेरा विद्यालय शहर की भीड़भाड़ से दूर एकांत स्थल पर है जहां पर किसी प्रकार का शोर शराबा नहीं होता और यह अच्छा भी है क्योंकि पढ़ाई के लिए शांति की आवश्यकता होती है. मेरा विद्यालय बहुत बड़ी जगह में फैला हुआ है इसके चारों ओर ऊंची दीवारें है.

मेरे विद्यालय में चार मंजिला इमारत है जिसमें 80 हवादार कमरे है. इन कमरों की चपरासी द्वारा रोज सफाई की जाती है जिसे हम स्वच्छ माहौल में पढ़ाई कर पाते है. मेरा विद्यालय कक्षा 6 से कक्षा 12 तक का है मैं कक्षा आठ में पढ़ता हूं मेरी कक्षा विद्यालय के द्वितीय मंजिल पर है. विद्यालय में जल की व्यवस्था के लिए चार वाटर कूलर लगे हुए हैं दिल से हमें गर्मियों में ठंडा पानी मिलता है और साधारण पानी के लिए पानी की छ: बड़ी टंकिया है.

मेरे विद्यालय के दोनों तरफ छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 10 शौचालय की व्यवस्था है. विद्यालय में एक बड़ी लाइब्रेरी है जिसमें हम हर रोज जाकर समाचार, पत्र पत्रिकाएं एवं कहानियों की किताबें पढ़ते है. आजकल कंप्यूटर का युग है इसलिए हमारे विद्यालय में 100 कंप्यूटरों की एक बड़ी लाइव है जिसमें हर दिन हमारा एक पीरियड कंप्यूटर से संबंधित आता है जिसमें हमें कंप्यूटर सिखाया जाता है.

मेरे विद्यालय में शिक्षकों के बैठने के लिए एक स्टाफ रूम में जिसमें सभी शिक्षक बैठकर आपस में विचार विमर्श करते है. यहां पर एक अन्य बड़ा कमरा भी है जहां पर विद्यालय का ऑफिशियल वर्क देखा जाता है वहां से किसी भी प्रकार की विद्यालय के बारे में जानकारी ली जा सकती है.

मेरे विद्यालय में प्रवेश करते ही मां सरस्वती का मंदिर है जिसमें हम रोज जाकर प्रार्थना करते है और मां सरस्वती का आशीर्वाद लेकर अपनी पढ़ाई शुरू करते है.

मेरे विद्यालय में बैठने के लिए प्रत्येक कक्षा में टेबल और कुर्सी की व्यवस्था की गई है और गर्मियों में हवा के लिए प्रत्यक्षा में चार पंखे लगे हुए है. हर कक्षा के बाहर छोटा कूड़ादान रखा गया है जिसमें हम क्लास का कूड़ा डालते हैं जिससे विद्यालय में गंदगी नहीं फैलती है.

प्रत्येक कक्षा में एक बड़ा ब्लैक बोर्ड है जहां पर हमारे अध्यापक अध्यापिकाएं आकर हमें किसी भी विषय के बारे में चांक से लिखकर समझाते है विषय में प्रत्येक विषय समझने में बहुत आसानी होती है. हमारे विद्यालय में कुल 50 अध्यापक – अध्यापिकाओं का स्टाफ है जो कि प्रत्येक कक्षा में अलग-अलग विषय पढ़ाते हैं वह अपने विषय में विद्वान है. जिस कारण हमें हर विषय सरलता से समझ में आ जाता है.

Mera Vidyalaya में प्रत्येक सप्ताह योगा की क्लास भी लगती है जिसमें में योगा करना सिखाया जाता है और हमारे स्वास्थ्य को कैसे अच्छा रखना है यह बताया जाता है. योगा से हमारे तन-मन में चुस्ती और स्फूर्ति बनी रहती है जिससे हमारा पढ़ाई में मन लगा रहता है.

विद्यालय के प्रधानाध्यापक बहुत ही शांत और अच्छे व्यक्तित्व के व्यक्ति हैं वह हमें हमेशा कुछ नया करने की सलाह देते हैं और रोज प्रार्थना में हमें एक शिक्षाप्रद कहानी सुनाकर हमें शिक्षा का महत्व बताते है उन्होंने जब से विद्यालय में कार्यभार संभाला है शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और साथ ही विद्यालय की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई है.

मेरे विद्यालय में आठ चपरासी हैं और एक दरबान है. चपरासी विद्यालय के छोटे-मोटे काम देखते है जैसे अध्यापक-अध्यापिकाओं को चाय पानी देना, स्कूल की साफ सफाई करना आदि है. दरबान स्कूल में आने वाले प्रत्येक विद्यार्थी के लिए दरवाजा खोलते हैं और ध्यान रखते हैं कि कोई अन्य व्यक्ति स्कूल में प्रवेश ना करें.

वे हमें रोज स्कूल बस से उतारते हैं हमने उनका नाम रामू काका रख रखा है वह हमें कभी-कभी टोफियाँ भी बांटते है वे हमसे बहुत प्यार करते है.

मेरे विद्यालय के आगे छोटे-छोटे चार बगीचे हैं जिनमें छोटी छोटी घास लगी हुई है और अनेक प्रकार के फूलों के पौधे लगे हुए हैं जिनसे मनमोहक खुशबू आती है और यह देखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं यह बगीचे विद्यालय की सुंदरता में चार चांद लगा देते हैं.

मेरे विद्यालय के पीछे की और एक बहुत बड़ा ग्राउंड है जिसमें हम सभी विद्यार्थी खेलते हैं यही पर हमारा प्रार्थना स्थल है जहां पर हम सुबह प्रार्थना करते है. विद्यालय के ग्राउंड के चारों ओर बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं और विद्यालय के ग्राउंड पर छोटी-छोटी घास लगी हुई है इससे हमारे विद्यालय का वातावरण बहुत ही अच्छा रहता है और यह देखने में भी बहुत सुंदर लगता है.

हमारे विद्यालय में प्रत्येक सप्ताह है कोई ना कोई प्रतियोगिता होती रहती है जैसे चित्र-कला, वाद-विवाद, कविताएं आदि की प्रतियोगिता होती रहती है जिसमें हम बढ़-चढ़कर भाग लेते है. हमारे विद्यालय में कुछ बड़ी संस्थाओं द्वारा भी प्रतियोगिताएं रखी जाती है जिसमें से एक प्रतियोगिता में मैंने भाग लिया था.

वह प्रतियोगिता सुंदर डिजाइन तैयार करने पर थी मैंने उस प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था उस दिन मुझे स्टेज पर बुलाकर सभी विद्यार्थियों के सामने गोल्ड मेडल दिया गया था यह मेरे लिए बहुत बड़े सम्मान की बात थी और मेरे विद्यालय के लिए भी.

मेरे विद्यालय का मैदान बड़ा होने के कारण खेलकूद की जिला स्तरीय प्रतियोगिता हमारे विद्यालय में ही होती है इसमें हमारे विद्यालय के विद्यार्थी विचार लेते हैं जो कि हर बार पुरस्कार भी प्राप्त करते है मेरे विद्यालय में हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, कबड्डी आदि की प्रतियोगिताएं होती है.

Mera Vidyalaya में हर साल 15 अगस्त, 26 जनवरी, वार्षिक उत्सव और अन्य जयंती पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है जिनमें हम बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं 15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन हमारे विद्यालय में एन.सी.सी. के विद्यार्थी परेड करते हैं इसके बाद हमारे विद्यालय की प्रधानाचार्य हमारे देश का तिरंगा झंडा फहराते है इसके बाद हमारे देश का राष्ट्रगान गाया जाता है और इसके पश्चात देशभक्ति गानों पर तरह तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम होते है.

विद्यालय के वार्षिकोत्सव के दिन भी बहुत सारे सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं इसके साथ ही स्कूल में प्रथम आए विद्यार्थियों को पुरस्कार दिए जाते है. मैं हर बार वार्षिक उत्सव में गीत गायन में हिस्सा लेता हूं जिसमें हम सबसे पहले मां सरस्वती की वंदना करते हैं इसके पश्चात अन्य कार्यक्रम होते है.

मेरे विद्यालय का परिणाम हर बार शत-प्रतिशत ही रहता है जिसके कारण हमारा विद्यालय हमारे शहर का जाना-माना विद्यालय बन गया है. यहां के शिक्षक गण भी बहुत ही विद्वान और अच्छे व्यक्तित्व के है.

मेरा विद्यालय सभी विद्यालयों में श्रेष्ठ हैं और मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं एक अच्छे विद्यालय में पढ़ता हूं. यहां पर हमें अच्छी शिक्षा मिलती है और अपना अच्छा भविष्य बनाने के लिए एक अच्छा स्कूल बहुत जरूरी है.


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