वहीं नकदी की देखरेख करने वाली निजी एजेंसियां बैंकों से लंच ब्रेक से पहले ही कैश लेना होगा। कैश को केवल बख्तरबंद वाहनों में ले जाया जा सकेगा। गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रसीजर (SOP) 8 फरवरी, 2019 से लागू होगा।
कैश वैन, कैश वॉल्ट और एटीएम धोखाधड़ी और अन्य आंतरिक धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के मद्देनजर यह कदम उठाया जा रहा है। देश में निजी क्षेत्र की करीब 8,000 कैश वैन से एटीएम में कैश डाला जाता है। रोजाना करीब 15,000 करोड़ रुपये कैश का ट्रांसपोर्टेशन किया जाता है।
कई बार निजी एजेंसियों पूरी रात नकदी अपने कैश वॉल्ट में रखती हैं। नकदी ले जाने के लिए एजेंसियों को निजी सुरक्षा उपलब्ध करानी होगी। प्रत्येक कैश वैन में एक ड्राइवर के अलावा दो सिक्यॉरिटी गार्ड, दो एटीएम अधिकारी होंगे। एक हथियारबंद गार्ड को ड्राइवर के साथ आगे की सीट पर बैठना होगा, जबकि दूसरा गार्ड पिछली सीट पर बैठेगा। नकदी डालने या निकालने के दौरान चाय या लंच के समय कम से कम एक हथियार बंद गार्ड को हमेशा कैश वैन के साथ रहेगा।
नकदी परिवहन के लिए पूर्व सैन्यकर्मियों की सुरक्षा गार्ड के रूप में नियुक्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। प्रत्येक कैश वैन में टीपीएस निगरानी उपकरण होना चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई भी कैश वैन एक बार में 5 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी लेकर नहीं चले।
कोई भी निजी सुरक्षा एजेंसी नकदी परिवहन के लिए किसी भी व्यक्ति की नियुक्ति पूरी पुलिस जांच, आधार, आवास पते के सत्यापन, पुराने नियोक्ता से पूछताछ और उसकी पृष्ठभूमि की जानकारी लिए बिना नहीं कर सकती है। प्रत्येक कैश बॉक्स को अलग-अलग चेन के साथ बांधा गया होना चाहिए। इसके ताले की चाभी अलग-अलग संरक्षक या एटीएम अधिकारी के पास होनी चाहिए। एक सुरक्षा अलार्म भी होना चाहिए, जिसमें ऑटो डायलर और सायरन की सुविधा हो। हमले की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए कैश वैन में हूटर, आग बुझाने का यंत्र और इमरजेंसी लाइट होनी चाहिए।
Related Articles
This post first appeared on Top 5 सोवियत à¤à¤‚ड रà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¿à¤¯à¤¨ सà¥à¤ªà¥‡à¤¸ मिशंस | Top News In Hindi, please read the originial post: here