Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

क्या आप पर सत्संग का प्रभाव पड़ा?

🌹 *सत्संग का असर क्यो नही होता?* 🌹
                  
शिष्य गुरु के पास आकर बोला, गुरु जी हमेशा लोग प्रश्न करते है कि सत्संग का असर क्यों नहीं होता?

मेरे मन में भी यह प्रश्न चक्कर लगा रहा है।

गुरु समयज्ञ थे,
बोले- वत्स! जाओ, एक घडा मदिरा ले आओ।

शिष्य मदिरा का नाम सुनते ही आवाक् रह गया।

गुरू और शराब!

वह सोचता ही रह गया।

गुरू ने कहा सोचते क्या हो?  जाओ एक घडा मदिरा ले आओ। वह गया और एक छला छल भरा मदिरा का घडा ले आया।

गुरु के समक्ष रख बोला-
“आज्ञा का पालन कर लिया"

गुरु बोले –
“यह सारी मदिरा  पी लो” ।

शिष्य अचंभित!!

गुरुने कहा,

शिष्य!  एक बात का ध्यान रखना, पीना पर शीघ्र कुल्ला थूक देना, गले के नीचे मत उतारना।

शिष्य ने वही किया,

शराब मुंह में भरकर तत्काल थूक देता, देखते देखते घडा खाली हो गया।

आकर कहा- “गुरुदेव घडा खाली हो गया”,

“तुझे नशा आया या नहीं?”
पूछा गुरु ने?

गुरुदेव! नशा तो बिल्कुल नहीं आया।

अरे मदिरा का पूरा घडा खाली कर गये और नशा नहीं चढा?

गुरुदेव नशा तो तब आता जब मदिरा गले से नीचे उतरती, गले के नीचे तो एक बूंद भी नहीं गई फ़िर नशा कैसे चढता।

बस फिर सत्संग को भी उपर उपर से जान लेते हो, सुन लेते हों गले के नीचे तो उतरता ही नहीं, व्यवहार में आता नहीं तो प्रभाव कैसे पडे।

गुरु के वचन को केवल कानों से नही, मन की गहराई से सुनना, एक-एक वचन को ह्रदय में उतारना और उस पर आचरण करना ही, गुरु के वचनो का सम्मान है ।

*पांच पहर धंधा किया*,
*तीन पहर गए सोए*
*एक घड़ी ना सत्संग किया*,
*तो मुक्ति कहाँ से होए*।।

         ***जय श्री हरि***

Share the post

क्या आप पर सत्संग का प्रभाव पड़ा?

×

Subscribe to हजारों साल चलने वाला पंखा

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×