जैसे ही काम वाली बाई प्रतिमा ने देखा कि आज धोने में डबल बेड की चादर भी हैं, उसकी बड़बड़ शुरु हो गई...''पहले ही आज मुझे देरी हो गई हैं और अब उपर से चादर भी धो...आज हमारी बचत गट की मीटिंग हैं। मैंने सोचा था कि जल्दी-जल्दी काम करुंगी और जाऊंगी लेकिन चादर भी धोऊंगी तो कितनी देरी हो जाएगी!'' उसे बड़बडाते देख शिल्पा को बहुत ख़राब लगा। उसने कहा, ''तुम काम पर देरी से आई तो देरी तो होगी न। मुझे क्या पता था कि तेरी आज बचत गट की मीटिंग हैं। मुझे पता होता तो मैं आज चादर धोने नहीं डालती।'' इसी बात को लेकर दोनों की थोड़ी देर बहस हो गई। दोनों का ही मूड ख़राब हो गया।
काम पूरा होने के बाद जब प्रतिमा जाने लगी, तब शिल्पा ने उसे दो मिनट रुकने कहा। प्रतिमा ने गुस्से से ही कहा, ''अब और क्या काम हैं? पहले ही मुझे देरी हो रहीं हैं।''
''अरे, सिर्फ़ दो मिनट।'' शिल्पा ने उसे खुर्ची पर बैठने कहा। एक प्लेट में गरम नाश्ता और मिठाई लेकर आई। प्रतिमा को मिठाई खिलाते हुए शिल्पा बोली, ''जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई, प्रतिमा!'' प्रतिमा एकदम से आश्चर्यचकित हो गई। खुशी के मारे उसकी आंखे भर आई!
''मैडम, आपको कैसे पता कि आज मेरा जन्मदिन हैं?''
शिल्पा ने कहा, ''5-7 महीने पहले जब तुम काम पर लगी थी तब ही मैंने तुम्हारी जन्म तारीख पूछी थी।''
''बाप रे…आपने वो याद रखी! मैडम, मुझे आज तक किसी ने भी जन्मदिन की बधाई नहीं दी! हम ग़रीबों का कहां कोई जन्मदिन मनाता हैं? मेरे पति और मेरे दोनों बच्चों ने भी मुझे जन्मदिन की बधाई नहीं दी। मैं हर साल अपने बच्चों को उनके जन्मदिन पर नए कपड़े लाकर देती हूं। पति के जन्मदिन पर भी उन्हें बधाई देकर कुछ न कुछ देती हूं। लेकिन मेरा जन्मदिन कोई भी याद नहीं रखता! आज ही मैंने आप पर कितना गुस्सा किया…फ़िर भी आपने मुझे जन्मदिन की बधाई दी। सिर्फ़ बधाई ही नहीं दी तो मिठाई खिलाकर गीफ्ट भी दिया। धन्यवाद मैडम। मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि आप मुझे बधाई देने रुकने बोल रहीं हैं...मुझे लगा था कि आप और कोई काम बता रहीं हैं...सॉरी मैडम!''
''अरे, सिर्फ़ दो मिनट।'' शिल्पा ने उसे खुर्ची पर बैठने कहा। एक प्लेट में गरम नाश्ता और मिठाई लेकर आई। प्रतिमा को मिठाई खिलाते हुए शिल्पा बोली, ''जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई, प्रतिमा!'' प्रतिमा एकदम से आश्चर्यचकित हो गई। खुशी के मारे उसकी आंखे भर आई!
''मैडम, आपको कैसे पता कि आज मेरा जन्मदिन हैं?''
शिल्पा ने कहा, ''5-7 महीने पहले जब तुम काम पर लगी थी तब ही मैंने तुम्हारी जन्म तारीख पूछी थी।''
''बाप रे…आपने वो याद रखी! मैडम, मुझे आज तक किसी ने भी जन्मदिन की बधाई नहीं दी! हम ग़रीबों का कहां कोई जन्मदिन मनाता हैं? मेरे पति और मेरे दोनों बच्चों ने भी मुझे जन्मदिन की बधाई नहीं दी। मैं हर साल अपने बच्चों को उनके जन्मदिन पर नए कपड़े लाकर देती हूं। पति के जन्मदिन पर भी उन्हें बधाई देकर कुछ न कुछ देती हूं। लेकिन मेरा जन्मदिन कोई भी याद नहीं रखता! आज ही मैंने आप पर कितना गुस्सा किया…फ़िर भी आपने मुझे जन्मदिन की बधाई दी। सिर्फ़ बधाई ही नहीं दी तो मिठाई खिलाकर गीफ्ट भी दिया। धन्यवाद मैडम। मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि आप मुझे बधाई देने रुकने बोल रहीं हैं...मुझे लगा था कि आप और कोई काम बता रहीं हैं...सॉरी मैडम!''
Related Articles
This post first appeared on आपकी सहेली जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ देहलीवाल, please read the originial post: here