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स्वतंत्रता दिवस की शायरियाँ और मैसेज | 15 August Shayari and Status For FB and Whatsapp in Hindi

Amazing 15 August 2018 Happy Independence Day Shayari, Greetings, Slogans, and Thoughts for fb and whatsapp in Hindi | स्वतंत्रता दिवस की शायरियाँ और शुभकामना सन्देश

यह भारत का 72वाँ स्वतंत्रा वर्ष है. आपको दिल से देशी की और से स्वतंत्रता दिवस की शुभेच्छा. हर देश किसी दिन अपना राष्ट्रीय पर्व मनाता हैं यह हमारे लिए गर्व की बात हैं हमारे देश में एक नहीं बल्कि दो राष्ट्रीय पर्वो को मनाया जाता हैं. 15 अगस्त एक ऐसा दिन हैं जब हम 200 वर्ष की गुलामी के बाद आजाद हुए थे. आज हम आपके लिए ऐसा आर्टिकल लाये हैं जहाँ पर आपको ऐसी शायरियाँ और मैसेज मिल जायेगे. जिसे शेयर करके आप शहीदों को याद कर सकते हैं.

15 अगस्त की शायरियाँ (15 August Shayari)

जशन आज़ादी का मुबारक हो देश वालो को,
फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को…

वो तिरंगे वाले DP हो तो लगा लेना भाई जी,
सुना है कल देशभक्ति दिखने वाली तारीख हैं.

मरने के बाद भी जिसके नाम मे जान हैं,
ऐसे जाबाज़ सैनिक हमारे भारत की शान है.

फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब पूछ कर की नहीं जाती.
वंदे मातरम

मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ हैं मेरी कलम,
मैं इश्क भी लिखना चाहूँ तो इक़बाल लिखा जाता हैं.

15 अगस्त के लिए अनमोल विचार (15 August Thoughts)

स्वतंत्रता के लिए लाखों लोगों ने अपना जीवन बलिदान कर दिया लेकिन कुछ स्वार्थी लोगों के कारण हमें सही स्वतंत्रता नहीं मिली – अन्ना हज़ारे

आततायी कभी स्वेछा से आज़ादी नहीं देता, पीड़ितों द्वारा इसकी मांग की जानी चाहिए. – मार्टिन लूथर किंग जूनियर

उन आँखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं, जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं.

आर्मी तो है देश की शान, जिन्दादिली है जिसकी पहचान.

कुछ तो बात है मेरे देश की मिट्टी में साहेब, सरहदें कूद के आते हैं यहाँ दफ़न होने के लिए.

भारत की फ़जाओं को सदा याद रहूँगा, आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा.

वो ज़िन्दगी ही क्या जिसमे देशभक्ति ना हो और वो मौत ही क्या जो तिरंगे में ना लिपटी हो.
शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे, भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे

लिपट कर बदन कई तिरंगे में आज भी आते हैं, यूँ ही नहीं दोस्तों हम ये पर्व मनाते हैं.

देश भक्तों के बलिदान से स्वतंत्र हुए हैं हम, कोई पूछे कौन हो तो गर्व से कहेंगे भारतीय हैं हम.

अब तक जिसका खून न खौला,वो खून नहीं वो पानी है जो देश के काम ना आये, वो बेकार जवानी है,

जिस दिन रास्ते पर तिरंगा बैचने वाले बच्चे न दिखे उस दिन सोचना हम आज़ाद हो गये.

जिन की पत्नी वेकेशन करने मायके चली गई है, वो स्टेटस पर तिरंगा लगा कर अपनी आज़ादी का ऐलान कर सकते हैं.

15 अगस्त के शुभकामना सन्देश (15 August Greetings)

मैं भारत बरस का हरदम अमित सम्मान करता हूँ
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे चिंता नहीं है स्वर्ग जाकर मोक्ष पाने की,
तिरंगा हो कफ़न मेरा, बस यही अरमान रखता हूँ.

मेरा “हिंदुस्तान” महान था,
महान हैं और महान रहेगा,
होगा हौसला सबके दिलो में बुलंद,
तो एक दिन पाक भी जय हिन्द कहेगा.

काश मेरी जिंदगी मे सरहद की कोइ शाम आए.
मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए.
ना खौफ है मौत का ना आरजु है जन्नत की
लेकीन जब कभी जीक्र हो शहीदो का
काश मेरा भी नाम आए. काश मेरा भी नाम आए.

ना मरो सनम बेवफा के लिए,
दो गज़ जमीन नहीं मिलेगी दफ़न होने के लिए,
मरना हैं तो मरो वतन के लिए,
हसीना भी दुप्पट्टा उतार देगी तेरे कफ़न के लिए.

कुछ नशा तिरंगे की आन का हैं,
कुछ नशा मातृभूमि की शान का हैं,
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिन्दुस्तान की शान का हैं.
भारत माता की जय

आजादी की कभी शाम नहीं होने देंगे.
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे.
बची हो जो एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे.
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं

भारत का वीर जवान हूँ मैं,
ना हिन्दू, ना मुसलमान हूँ मैं,
जख्मो से भरा सीना हैं मगर,
दुश्मन के लिए चट्टान हूँ मैं,
भारत का वीर जवान हूँ मैं.

देश भक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं.
कह दो उन्हें… सीने पर जो जख्म हैं.
सब फूलों के गुच्छे हैं.
हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं.
वन्दे मातरम

कभी ठंड में ठिठुर कर देख लेना,
कभी तपती धूप में जल के देख लेना,
कैसे होती हैं हिफ़ाजत मुल्क की,
कभी सरहद पर चल के देख लेना
जय हिन्द, जय भारत

चलो फिर से आज वह नज़ारा याद कर ले,
शहीदों के दिल में थी वो ज्वाला याद करले,
जिसमे बहकर आज़ादी पहुंची थी किनारे पे,
देशभक्तो के खून की वो धारा याद करले.

मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है,
है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान,
इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
हैं मेरा बस एक ही अरमान
एक थाली में खाना खाए सारा हिन्दुस्तान.
इश्क़ तो करता हैं हर कोई
मेहबूब पे मरता हैं हर कोई,
कभी वतन को मेहबूब बना कर देखो
तुझ पे मरेगा हर कोई.

ना पूछो ज़माने को,
क्या हमारी कहानी हैं
हमारी पहचान तो सिर्फ ये हैं
की हम सिर्फ हिंदुस्तानी हैं…!!

तन हमारा ऐसे ना छोड़ पाए कोई,
रिश्ता हमारा ऐसे ना तोड़ पाए कोई,
दिल हमारे एक है एक है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा हैं हम हैं इसकी शान.

मैं मुल्क की हिफाजत करूँगा
ये मुल्क मेरी जान है
इसकी रक्षा के लिए
मेरा दिल और जां कुर्बान है.

हम आजाद हैं, ये आजादी कभी छिनने नहीं देंगे
तिरंगे की शान को हम कभी मिटने नहीं देंगे
कोई आंख भी उठाएगा जो हिंदुस्तान की तरफ
उन आंखों को फिर दुनिया देखने नहीं देंगे

चिंगारी आजादी की सुलगी मेरे जश्न में हैं,
इन्कलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं,
मौत जहाँ जन्नत हो ये बात मेरे वतन में हैं,
कुर्बानी का जज्बा जिन्दा मेरे कफन में हैं.
लड़ें वो वीर जवानों की तरह,
ठंडा खून फ़ौलाद हुआ,
मरते-मरते भी मार गिराए,
तभी तो देश आज़ाद हुआ.

कहते हैं अलविदा हम अब इस जहान को,
जा कर ख़ुदा के घर से अब आया न जाएगा,
हमने लगाई आग हैं जो इंकलाब की,
इस आग को किसी से बुझाया ना जाएगा.

गंगा यमुना यहाँ नर्मदा,
मंदिर मस्जिद के संग गिरजा,
शांति प्रेम की देता शिक्षा,
मेरा भारत सदा सर्वदा..!!

तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान हैं,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान हैं,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान हैं
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं.

देश के उन वीर जवानों को सलाम
जो सुरक्षा का एहसास दिलाते हैं,
जो हथेली पर रखकर जान,
हमारी हिफाजत का जिम्मा उठाते हैं.

यदि प्रेरणा शहीदों से नहीं लेंगे
तो ये आजादी ढलती हुई साँझ हो जायेगी
और पूजे न गए, वीर
तो सच कहता हूँ कि नौजवानी बाँझ हो जायेगी.

मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ,
वतन के शान की खातिर हथेली पे जान रखता हूँ.
क्यु पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा पाकिस्तान का,
मुस्लमान हूँ मैं सच्चा, दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ.
हिंदुस्तान ज़िंदाबाद, जय हिन्द, जय भारत

ये पेड़ ये पत्ते ये शाखें भी परेशान हो जाएं.
अगर परिंदे भी हिन्दू और मुस्लमान हो जाएं.
न मस्जिद को जानते हैं , न शिवालों को जानते हैं.
जो भूखे पेट होते हैं, वो सिर्फ निवालों को जानते हैं.
मेरा यही अंदाज ज़माने को खलता है.
की मेरा चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है.
में अमन पसंद हूँ, मेरे शहर में दंगा रहने दो.
लाल और हरे में मत बांटो, मेरी छत पर तिरंगा रहने दो

जमाने भर में मिलते हे आशिक कई ,
मगर वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता ,
नोटों में भी लिपट कर, सोने में सिमटकर मरे हे कई ,
मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता

संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे
हम मिलजुल के रहे ऐसे की
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.

हम आजाद हैं, ये आजादी कभी छिनने नहीं देंगे
तिरंगे की शान को हम कभी मिटने नहीं देंगे
कोई आंख भी उठाएगा जो हिंदुस्तान की तरफ
उन आंखों को फिर दुनिया देखने नहीं देंगे
वन्दे मातरम, जय हिन्द

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