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कैसे कराये अपना आईडिया पेटेंट और क्यों है जरुरी ?| How to Patent an Idea in Hindi

How to Patent an Idea in Hindiनमस्कार दोस्तों हम आपके लिए हमेशा की तरह ऐसी जानकारी लाये है जो आपके लिए यक़ीनन बहुत खास और महत्वपूर्ण है. दोस्तों खास बात ये भी है की भारत में इसको लेकर लोग जागरूक नहीं है और यही वजह है की हमारे देश में अविष्कार कम होते है. जी हाँ दोस्तों आज हम देश के ऐसे कानून के बारे में जानेंगे जो हर भारतीय को पता होना चाहिए.

दोस्तों जब भी हम किसी नए काम की शुरुआत करने जाते है या यु कहे की किसी नये आईडिया के साथ मार्केट में उतरना चाहते है तब हम ये भूल जाते है की जो आईडिया हमारे दिमाग में आया है वो कल किसी और के दिमाग में भी आ सकता है और अगर ऐसा हुआ तो हमारे उस अनोखे विचार की कोई कीमत नहीं रहेगी.
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दोस्तों क्या आप जानते है, दुनिया में कानूनन किसी भी चीज का अस्तित्व तब तक नहीं होता जब तक की वो ऑफिसियल तरीके से रजिस्टर्ड न हो. इसका मतलब है यदि आपके दिमाग में कोई आईडिया है और आप चाहते है की उस तरीके को या उस अनोखे विचार को कोई और न इस्तेमाल कर पाए तब हमारे सामने एक टर्म आती है जिसका नाम है “पेटेंट”. चलिए जानते है इसके बारे में..

पेटेंट का क्या मतलब होता है? | What is the meaning of Patent


दोस्तों हर देश में एक कानून बनाया गया है जिसके तहत आप अपनी किसी भी चीज जो आपके द्वारा निजात की गयी हो तो उस चीज पर सिर्फ आपका अधिकार होता है, पर आईडिया किसी का भी हो माना उसी का जाता है जिसने उसे पेटेंट करा लिया हो या रजिस्टर्ड करा लिया हो. जब आप उसे पेटेंट करा लेंगे तब जाकर ही उस आईडिया का पूरा पैसा आपकी जेब में आएगा. यानि अगर आपके पास कोई भी अनोखा विचार हो या कोई अविष्कार हो तो आप सबसे पहले उसे रजिस्टर्ड करवा ले. और इसी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को पेटेंट कराना कहते है.

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चलिए एक उदहारण से समझते है. | Example of Patent

आपने टेट्रा पैक के बारे में तो सुना होगा पर आपको उसके बनने पीछे की कहानी नहीं पता होगी. दोस्तों जैसा की हम देखते है आजकल कोई भी चीज हो चाहे वो दूध हो या ज्यूस या फिर घी टेट्रा पैक में मिलती है. टेट्रा पैक देखने में बहुत आम लगते है इसीलिए लोग इसके पीछे के आइडिये को महसूस नहीं कर पाते. हमारे लिए ये बहुत आम हो चुके है क्योंकि हर रोज ये हमारे सामने से गुजरते है. पर सोचिये अगर हमारे जीवन में टेट्रा पैक जैसी चीज का कोई अस्तित्व ही नहीं होता तब क्या होता ? फिर शायद कुछ और हो रहा होता, चीजे कांच या प्लास्टिक की बोतल में मिल रही होती. इस वजह से पैकेजिंग महँगी होती और चीजे शायद दुगुना महँगी होती.


दोस्तों टेट्रा पैक एक ऐसे अविष्कार का उदहारण है जिसके पेटेंट ने दुनिया को एक नई दिशा दिखाई थी और व्यवसाय की दुनिया में एक बहुत बड़ा नेटवर्क बना लिया. इरिक वॉलेनबर्ग, जिन्होंने इसे बनाया उन्होंने खुद नहीं सोचा था की उनका ये छोटा सा अविष्कार उनकी कंपनी के मालिक रूबेन रॉजिंग को एक दिन अरबपति बना देगा. इरिक वॉलेनबर्ग के करियर की शुरुआत एक टेट्रा पैक बनाने वाली कंपनी में एक लैब असिस्टेंट के तौर पर हुई थी. हुआ यु की एक दिन इरिक के बॉस ने उन्हें दूध के लिए सस्ती और अच्छी पकेजिंग बनाने की चुनोती दे डाली. फिर क्या था उन्होंने उस चुनोती को मानते हुए एक सस्ते कागज से वो कारनामा कर दिखाया और उन्होंने एक सस्ता टेट्रा पैक बना दिया. साल 1963 में इस पकेजिंग को टेट्रा बिक्र के नाम से पेटेंट कराया. जो अब हमारे खाने की टेबल पर टेट्रा पैक के रूप में दिखता है. तो दोस्तों आप समझ गये होंगे आईडिया पेटेंट करने की ताकत को.

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दोस्तों सही बात तो ये है की आपका सामान्य सा विचार भी अगर सबसे अलग है तो वो आपको फर्श से अर्श तक का सफ़र करा सकता है. आपको उसे पेटेंट करना है बस. आपको बता दे पश्चिम देशो के लोग यही कर के पैसा कमाते है. अमेरिका और यूके जैसे देशों में लोग खिलौने रखने के बैग, लिपस्टिक लगाने के तरीकों और यहां तक कि किचन में इस्तेमाल होने वाली मल्टीपरपस छुरी के डिजाइन तक को पेटेंट कराते हैं और उसका लाइसेंस किसी कंपनी को बेचकर पैसा कमाते हैं. हम देख सकते है की इसकी तुलना में भारत में पेटेंट को लेकर कुछ खास जागरूकता नहीं है शायद इसी वजह से हमारे देश में अविष्कार ठीक से आगे नहीं बढ़ पाते.

ट्रेडमार्क, पेटेंट, कॉपीराइट क्या होते है? | What is Trademark, Patent and Copyright.

दोस्तों ट्रेडमार्क, पेटेंट, और कॉपीराइट ये तीनो चीजे ‘इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी’ के नियमो के तहत आते है. हम कह सकते है की ये विचारो को हकीकत में तब्दील करते है. इन पर भी वैसा ही अधिकार होता है जेसा हक़ आपका घर, बैंक अकाउंट आदि पर होता है. ये आपको आपके विचारो पर अधिकार प्रदान करता है. चलिए बारी-बारी से समझते है….

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ट्रेडमार्क क्या होता है? | What is Trademark.?

दोस्तों ट्रेड मार्क उन चीजो पर होता है जो हमें किसी भी चीज की अगल पहचान बताते है, जैसे कोई नाम, प्रतिक चिन्ह, या कोई प्रोडक्ट इन सभी को ट्रेडमार्क कराया जा सकता है किन्तु किसी भी चीज पर ट्रेडमार्क तब तक ही रहता है जब तक उसको लेने के पीछे की वजह उपस्थित हो. यानि मान लीजिये i-Phone का जो चिन्ह प्रतिक है एप्पल और कंपनी ने उसे ट्रेडमार्क करा रखा है. लेकिन ये तब तक ही रहेगा जब तक कंपनी मार्केट में अपना काम करती रहेगी जैसे ही कंपनी बंद होती है उसका ट्रट्रेडमार्क ख़त्म हो जाएगा, फिर कोई और उसे अपनी किसी भी कंपनी के नाम पर रजिस्टर्ड करा सकता है. ध्यान रहे दोस्तों ट्रेडमार्क सिर्फ किसी भी चिन्ह,आवाज,या रंग को प्रोटेक्ट करेगा. यदि कोई अलग चिन्ह के साथ उसी प्रोडक्ट को मार्केट में लाता है तो आप उसे रोक नहीं सकते.

कानूनी संस्था ISI मार्क, ISO मार्क, खाद्य उत्पादों में शाकाहारी और मांसाहारी उत्पादों की पहचान के लिए हरे और लाल निशान (ट्रेडमार्क) का इस्तेमाल करती है. ट्रेडमार्क पंजीकृत और गैर-पंजीकृत दोनों तरह के होते हैं.
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कॉपीराइट क्या होता है ??? | What is Copyright?

कॉपीराइट और ट्रेडमार्क में कुछ बाते सामान है पर कुछ मामलो में दोनों एकदूसरे से बहुत भिन्न है. कॉपीराइट का अधिकार आप किसी भी अनोखी कला पर ले सकते है. जैसे आपकी कोई रचना, गाना, कोई तस्वीर, किताब, फिल्म, रिकॉर्डिंग या कुछ भी जो लिखित में हो या सबके सामने उन सभी पर आप कॉपीराइट का अधिकार ले सकते है जिसकी रचना आपने की हो. कॉपीराइट का अधिकार रचना करने वाले के मरने के बाद भी और 70 सालो तक सुरक्षित रहता है. सिर्फ कॉपीराइट लेने वाला व्यक्ति ही उसे फिर से पब्लिश कर सकता है या फिर इसके अधिकार को किसी को ट्रान्सफर कर सकता है.intellectual property rights

भारतवर्ष में कॉपीराइट को लेकर कॉपीराइट एक्ट – 1957 है. किसी व्यक्ति की कृति को “नैतिक अधिकार” के तौर पर कुछ कानूनी मान्यता भी हासिल है. अथार्थ किसी व्यक्ति की कृति का इस्तेमाल करने पर उसे इसके लिए श्रेय दिया जाना चाहिए.

पेटेंट के क्या अधिकार होते है??| Rights of Patent and Types

पेटेंट एक ऐसा अधिकार है जो अविष्कार करने वाले को अधिकार देता है की कोई भी दूसरा व्यक्ति अगले 20 वर्षो तक उस अविष्कार को उसकी अनुमति के बिना किसी भी रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकता है. पेटेंट अविष्कार करने वाले को ये अधिकार देता है की वो अपनी मर्जी से अपने प्रोडक्ट को मार्केट में ला सकता है या उसके लाइसेंस को देकर पैसा कमा सकता है. पेटेंट को 3 भागो में बाटा गया है …

यूटिलिटी पेटेंट(Utility Patent): किसी भी उपयोगी प्रक्रिया, मशीन, वस्तु का कच्चा माल, किसी रचना या उसमे किसी भी सुधार को सुरक्षित करता है. उदहारण के लिए : फाइबर ऑप्टिक्स, कंप्यूटर हार्डवेयर, दवाइयां आदि.

डिजाइन पेटेंट(Design Patent) : ये किसी भी प्रॉडक्ट के नए और असली डिजाइन के गैर कानूनी इस्तेमाल को रोकता है. जैसे कि किसी जूते का डिजाइन, बाइक का हेलमेट या कोई कार्टून कैरेक्टर, सभी डिजाइन पेटेंट से प्रोटेक्ट किए जाते हैं.

पेटेंट(Patent) :
ये अधिकार कुछ अलग तरीके से तैयार की गयी पेड़-पौधों की विविधता को सुरक्षित करता है.

अब सवाल उठता है किन चीजो को का पेटेंट नहीं होता है?

प्रकृति के नियम (हवा और गुरुत्वाकर्षण), नेचरल चीजें (मिट्टी, पानी, भाववाचक (एब्स्ट्रैक्ट) आइडिया (मैथमेटिक्स, कोई फिलॉसफी), लिट्रेचर, नाटक, म्यूजिक जैसे क्रिएटिव काम को कॉपीराइट के जरिए प्रोटेक्ट किया जा सकता है.

पेटेंट ऐप्लिकेशन की फीस और प्रक्रिया | Patent application fees and process –

1.जिसका भी पेटेंट फाइल करना है उसका एक लिखित डॉक्युमेंट चाहिए होता है जिसमें आपके अविष्कार की खासियतें लिखी होती हैं और घोषणापत्र होता है.

2.यदि कोई शख्स या आप 10 से कम क्लैम और 30 पेजों तक पेटेंट फाइल करते है तो आपको 1000 रुपये चुकाना पड़ते है. और यदि कोई कंपनी या आर्गेनाइजेशन पेटेंट फाइल करती है तो उसे 4000 रुपये चुकाना पड़ते है. यदि 10 से ज्यादा क्लैम है तो शख्स को 200 रुपये और कंपनी को 800 रुपये अधिक क्लैम चुकाना पड़ता है. इसी के साथ प्रति पेज शख्स को 100 और कंपनी को 400 रुपये देना होते है.

3. पेटेंट एप्लीकेशन देने के बाद पेटेंट के लिए फाइल किए गए अविष्कार के ऐप्लिकेशन की पूरी जांच की जाती है. पेटेंट एग्जामिनर यह सुनिश्चित करता है कि ऐप्लिकेशन सभी योग्यताएं पूरी करता हो जो आपने एप्लीकेशन में दी है.

4. जांच करने के 18 महीने के अन्दर पेटेंट अथॉरिटी इसे अपने वीकली जर्नल और वेबसाइट पर आम लोगों के लिए पब्लिश करती है और ऑब्जेक्शन का इंतजार करती है. और ये सुनिश्च्छित करती है की ये अविष्कार आप ही का है.

5. यदि आपने पेटेंट का ऐप्लीकेशन दिया है, तो आपको ऐप्लीकेशन देने के 48 महीने के अन्दर पेटेंट एग्जामिनेशन के लिए अनुरोध करना होता है.

6. उसके बाद पेटेंट संबंधित अधिकारी उस अविष्कार कोलेकर जितने भी ऑब्जेक्शन या सवाल उनके पास आते है वो उसे एप्लिकेंट यानि आपके पास भेज कर जवाब मांगता है.

7. उन प्रश्नों और ऑब्जेक्शन का जवाब देने के लिए डॉक्यूमेंट दाखिल करने होते है जिसमे 12 महीने का समय मिलता है. यदि आप अपने जवाबो से अथॉरिटी को संतुष्ट नहीं कर पाते तो पेटेंट ऐप्लीकेशन रिजेक्ट कर दिया जाता है.

पेटेंट फाइल में क्या लिखे ? | What should write in Patent File?

आपको अपनी पेटेंट फाइल में अपने अविष्कार के बारे में स्पष्ट जानकारी लिखना है. आपको ये बताना भी जरुरी है की ये किस प्रकार से दुसरो से अलग और अनोखा है. यदि आप 2 या 2 से अधिक लोग है अविष्कार को बनाने में तो उन सभी का नाम पेटेंट एप्लीकेशन में लिखा होना चाहिए.

पेटेंट एप्लीकेशन फाइल करते वक्त किन बातो का खयाल रखे..??

1. ऐप्लीकेशन फाइल करने से पहले आविष्कार को लेकर पूरी तरह से जाँच ले. हर डॉक्युमेंट को तैयार रखें, जरा-सी चूक आपकी पेटेंट फाइल को रिजेक्ट करा सकती है.

2. पेटेंट जारी होने में 3 साल तक का वक्त लग सकता है. अगर आप पहली बार पेटेंट करा रहे हैं तो पेटेंट ऐप्लिकेशन रिजेक्ट होने के चांसेस ज्यादा होते है, हालांकि इसमें जरूरी सुधार करके आप फिर से कोशिश कर सकते हैं.


3. पेटेंट रजिस्ट्रेशन के लिए आप एजेंट की मदद भी ले सकते हैं. ध्यान रहे कि ऐसे पेटेंट एजेंट को ही चुनें, जो कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट्स डिजाइन और ट्रेडमार्क से सर्टिफाइड हो.

4. आप ऑनलाइन ऐप्लीकेशन भी फाइल कर सकते हैं. इसके लिए www.ipindia.nic.in पर जाकर Patent सेक्शन में जाकर Comprehensive eFiling Services for Patents पर जाएं.

5. गौरतलब है कि भारत में कराया हुआ पेटेंट दुनिया भर में मान्य नहीं होता. दुनिया के दूसरे देशों में आपको अलग से पेटेंट फाइल करना पड़ेगा.

6. अक्सर देखने को मिलता है कि पेटेंट मिलने की प्रक्रिया के दौरान लोग ‘Patent Pending’ या ‘Patent Applied For’ लिख कर काम करते रहते हैं. लेकिन इसकी कोई कानूनी वैधता नहीं होती है. इस पीरियड के दौरान पेटेंट वॉयलेशन को लेकर कोई कानूनी कदम नहीं उठाया जा सकता.

भारत लोग अभी भी क्यों हैं पीछे?

भारत में लोगों में जागरूकता की कमी है. पेटेंट या इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट को लेकर किसी भी तरह की जानकारी आम कॉलेजों से नहीं मिल पाती. सरकार और सरकारी विभाग भी इसको लेकर ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं.

भारत में कई लोग बिना ये पता किए की उनका अविष्कार अनोखा है की नहीं उसे यूनीक मान बैठते हैं. आज सबकुछ इंटरनेट पर सर्च हो जाता है पर परेशानी यह है कि आज भी यूनिफाइड पेटेंट सर्च जैसी कोई चीज नहीं है, हमें जो दुनिया भर में पेटेंट हो चुकी चीजों के बारे में बता सके. अगर पेटेंट है भी तो उसमें क्या अलग फीचर जोड़कर उसे एडवांस और नया रूप दिया जा सकता है यह नहीं पता होता.

हमारे देश में आज भी आम लोगों को पेटेंट ऐप्लीकेशन की टेक्निकल राइटिंग नहीं आती है. आप किसी एजेंट की सहायता लेते है तो वो इसके बदले काफी फीस लेते हैं, जो कि यहां के अधिकतर इंडिविजुअल इंवेंटर के लिए दे पाना संभव नहीं होता.

पेटेंट फाइल करने के लिए आप भारत में इन ऑफिस में संपर्क कर सकते है.| indian patent office

Shri Chinnaraja G Naidu Assistant Registrar of Trade Marks & G.I. Phone: 044-22502091,Fax: 044-22502090, E-mail: [email protected]

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Intellectual Property Office Boudhik Sampada Bhawan, Antop Hill, S. M. Road, MumbaiI – 400 037. Phone: 24101144, 24148165

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Shri S. M. Togrikar Senior Examiner of Trade Marks & G.I. Phone: 022-24137701, Fax: 022-24140808 E-mail: [email protected]

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Dr. K. S. Kardam Senior Joint Controller of Patents & Designs Phone: 011-28034317, Fax:011-28034315 E-mail: [email protected]

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Head of the Office: Dr. Ruchi Tiwari Joint Controller of Patents & Designs Phone: 022-24123311, Fax: 022-24172288 E-mail: [email protected]

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Intellectual Property Office Intellectual Property Office Building, Plot No. 32, Sector 14, Dwarka, New Delhi-110075 Phone: 011-28034304-05

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Office of the Controller General of Patents, Designs & Trade Marks Bhoudhik Sampada Bhavan, Antop Hill, S. M. Road, Mumbai – 400 037

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Dr. Rakesh Kumar Deputy Controller of Patents & Designs Phone: 022-24153651, Fax: 022-24130387 E-mail: [email protected]

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Geographical Indications Registry Intellectual Property Office Building, G.S.T. Road, Guindy,Chennai-600032 Phone: 044-22502092

दोस्तों हमने Copyright, Trademark, Patent की जानकारी वाला यह पोस्ट काफी रिसर्च के बाद तैयार की हैं, फिर भी इसमें त्रुटी की सम्भावना हो सकती हैं, यदि आपको ऊपर दी गई किसी भी जानकारी में कोई भी प्रश्न हो शंका हो या जानकारी अपडेट कराना चाहते है, तो कृपया अपने बहुमूल्य Comments से हमें अवगत करवाएं.

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