इंदौर | इंदौर के बाणगंगा क्षेत्र में नया अस्पताल बनने के बाद उसकी स्थिति ठीक नहीं है अस्पताल में डॉक्टरों के पदों पर सरकार की तरफ से कोई मंजूरी नहीं मिली जिसकी वजह से दूसरे अस्पतालों से डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जा रही है |
Related Articles
अस्पताल में डॉक्टरों की कमी होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग को डिस्पेंसरियों चलाना मुश्किल साबित हो रहा है और नए अस्पताल बनने के बाद मुसीबत और ज्यादा आ गई है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग की ज्यादातर डिस्पेंसरियों में डॉक्टरों के पद रिक्त हैं जिसमें अभी तक नए डॉक्टर की नियुक्ति भी नहीं हुई है ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को नए अस्पताल बनाने के बाद और ज्यादा मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है |
बाणगंगा क्षेत्र में बनाए गए नए अस्पताल में दूसरे अस्पताल के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है जिसमें से 4 डॉक्टर नोजल अधिकारी की पोस्ट पर है | ऐसी ही स्थिति शहर के दूसरे अस्पतालों के लिए जहां पर डॉक्टरों की कमी होने की वजह से दूसरे डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाती है |
राज्य में डॉक्टरों की कमी होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की भर्ती इंटरव्यू के माध्यम से कराने की तैयारी कर रहा है भोपाल के एम्स अस्पताल में डॉक्टरों की भर्ती इंटरव्यू के माध्यम से ही होगी जिसमें भर्ती की प्रक्रिया 25 जून से 27 जून तक इंटरव्यू के माध्यम से होगी |
नगर में स्थित मोहता नगर डिस्पेंसरी डॉक्टर के चले जाने से बंद होने की स्थिति में आ गयी जिसे अब बाणगंगा क्षेत्र के नए अस्पताल में स्थापित कर दिया गया है | ऐसी ही स्थिति सिंधी कॉलोनी डिस्पेंसरी की है जहां पर पहले से एक डॉक्टर है लेकिन इमरजेंसी की वजह से डॉक्टर की ड्यूटी जिला अस्पताल में तथा पीसी सेठी अस्पताल में हर कभी लगा दी जाती है यह भी नर्स भरोसे चल रही है |
बाणगंगा क्षेत्र में अस्पताल का उद्घाटन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने किया था लेकिन तैयार हो जाने के बाद अस्पताल की स्थिति गड़बड़ा गई है यहां पर डॉक्टरों को भी अभी तक नियुक्त नहीं किया गया है | अस्पताल की सीएमएचओ डॉक्टर नायक ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ के लिए भोपाल प्रस्ताव भेज दिया गया है जिसके कारण भोपाल से ही नियुक्तियां होती है |
The post इंदौर : बाणगंगा क्षेत्र में अस्पताल बन कर तैयार, डॉक्टरों के पदों को नहीं मिली मंजूरी appeared first on Rojgar Rath News.