सहारा बे-सहारा ढूंढ लेंगे
मुकद्दर का सितारा ढूंढ लेंगे
जो माँ की उँगलियों में था यकीनन
वो जादू का पिटारा ढूंढ लेंगे
गए जिस जिस जगह जा कर वहीं हम
हरा बुन्दा तुम्हारा ढूंढ लेंगे
मेरे कश्मीर की वादी है जन्नत
वहीं कोई शिकारा ढूंढ लेंगे
अभी इस जीन से कर लो गुज़ारा
अमीरी में शरारा ढूंढ लेंगे
बनाना है अगर उल्लू उन्हें तो
कहीं मुझ सा बेचारा ढूंढ लेंगे
नए हैं पंख सपने भी नये हैं
गगन पे हम गुबारा ढूंढ लेंगे
सितारे रात भर टूटे जहाँ ... चल
वहीं अपने दुबारा ढूंढ लेंगे
नहीं जो लक्ष्य हम, कोई तो होगा
किधर है ये इशारा ढूंढ लेंगे
पिघलती धूप के मंज़र पे मिलना
नया दिलकश नज़ारा ढूंढ लेंगे
जो मिल के खो गईं खुशियाँ कभी तो
दुबारा क्या तिबारा ढूंढ लेंगे
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