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ऊँची उड़ान पर हैं सारे कबूतर सीख कर करना बन्द पंख उड़ते समय

किसी
से उधार
ली गई
बैसाखियों
पर करतब
दिखाना
सीख लेना

एक दो
का नहीं
पूरी एक
सम्मोहित
भीड़ का

काबिले
तारीफ ही
होता है

सोच के
हाथ पैरों को
आराम देकर

खेल खेल
ही में सही

बहुत दूर के
आसमान
को छू लेने
का प्रयास

अकेले नहीं
मिलजुल कर
एक साथ

एक मुद्दे
चाँद तारे
उखाड़ कर
जमीन पर
बिछा देने
को लेकर

सोच का
बैसाखी लिये
सड़क पर
चलना दौड़ना

नहीं जनाब
उड़ लेने
का जुनून

साफ नजर
आता है आज

बहुत बड़ी
बात है
त्याग देना
अपना
सब कुछ

अपनी खुद
की सोच
को तक

तरक्की के
उन्माँद की
खुशी व्यक्त
करना
बहुत जरूरी
होता है ‘उलूक’

त्यौहारों के
उत्सवों को
मनाते हुऐ

अपने पंखों
को बन्द कर
उड़ते पंछियों
को एक ऊँची
ऊड़ान पर
अग्रसर होते
देख कर।

चित्र साभार: NASA Space Place


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