Inspiring Stories Of Indian Entrepreneurs सफल उद्योगपति की कहानिया आज से करीब 23 वर्ष पहले एक कंप्यूटर इंजीनियर दिल्ली से ग्वालियर अपने घर जा रहा था। ट्रेन की सफ़र के दौरान उस ट्रेन में उनके साथ एक यात्री सफर कर रहा था। उस यात्री ने नितिन के भावी यौजना के बारे में जानने की कोशिश की लेकिन नितिन कुछ खाश नहीं बता पाए। उस यात्री ने अपने सेफ्टी शुज की और इशारा करते हुए कहा की क्या तुम इसे भारत में बना सकते हो। उस यात्री के बारे में तो नहीं मालूम लेकिन उस नितिन को आज दुनिया 200 करोड़ के कारोबार वाले एक्मे फैब्रिक प्लास्ट के संस्थापक नितिन तिवारी के नाम से जानती हैं। नितिन बताते हैं की सेफ्टी फुटवियर एक इनोवेटिव प्रोडक्ट हैं। भारत में जितने भी उधोग थे। उनमे सेफ्टी फुटवियर पहनने की प्रथा नहीं थी। नितिन ने इस इस प्रोडक्ट को एक इंडस्ट्री के रूप देने में लग गए। उनके लिए सबसे ज्यादा चुनौती यह थी की सेफ्टी फुटवियर को इंडस्ट्री के अन्दर जागरूक पैदा करना। की इससे कैसे श्रमिको को सहायता मिलेगी। नितिन कहते हैं की उस समय सेफ्टी फुटवियर अमेरिका और यूरोप में विकसित हो रहे थे। ऐसे टेक्नोलॉजी का इस्तमाल किया जाता था। श्रमिको को काम करते वक़्त इस सेफ्टी फुटवियर काफी प्रोटेक्शन लेवल और कम्फर्ट लेवल का हो। हम लोगो ने वहा से कुछ चीजे सीखी। और कुछ नई टेक्नोलॉजी हम अपने देश में लेकर आये। नितिन जब इंगलैंड में पढ़ रहे थे तो वहा कुछ लोगो को सेफ्टी शुज पहनकर काम करते देखा वह काफी इससे आकर्षित हुए। क्यों की इस तरह का प्रथा हामारे देश में नहीं थी। नितिन बताते हैं की एक विदेशी कम्पनी माइको-बॉश जो हमारे पहले ग्राहक थे। एक समय था की इस कम्पनी में रोज मात्र 200 जोड़ी जूते बनते थे और आज इस कम्पनी में 8,000 से ज्यादा जोड़ी जूते रोज इस कम्पनी में बनते हैं। यह कम्पनी पूरी दुनिया में टॉप टेन कम्पनी में हैं। देश भर में इनिकी सात फैक्ट्रिया हैं। नितिन बताते हैं की इस फिल्ड को अच्छी तरह समझने में 4-5 महीने लगे। हर चीज को समझने के बाद पहली मशीन हमने खुद अपनी हाथ से बनाई। फिर ग्वालिर में ही किराए पर जमीन लेकर काम शुरू किया। ग्वालिर में फैक्ट्री खोलने का उचित माहौल नहीं था। इसके बावजूद हमने फैक्ट्री खोल कर लोगो को धीरे – धीरे प्रशिक्षित किया और कारोबार को बढाया। उन्होंने उधार के पैसे से अपना काम शुरु किया था। क्यों की बैंक से लोन लेना इतना आसान नहीं होता था। नितिन को रुढ़िवादी सोंच से भी जूझना पड़ा क्यों की वह एक ब्राह्मण परिवार से थे। घर वाले इनके काम से खुश नहीं थे उनका कहना था की ब्राहमण होकर लेदर का काम कैसे कर सकते हो। नितिन कहते हैं की मैंने इन चीजो पर कभी ध्यान नहीं दिया। नितिन कहते हैं की हमे अभी आगे बहुत काम करना हैं। हमारी योजना हैं की 2022 तक कारोबार को 200 करोड़ से बढाकर 500 करोड़ तक ले जाना हैं। और 2025 तक इटेलियन कम्पनी कोफरा को पीछे छोड़ना हैं। कोफरा इस समय 23000 जोड़ी जूते रोज बनाती हैं। और जल्द ही स्टॉक मार्केट में कम्पनी अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगी। यह भी पढ़ें:- हरित क्रांति में उपजा अखुआ नए ज़माने के वैध मुहम्मद अली के प्रेरक विचार नया जज्बा – नई मंजिल Note: – आपको यह Inspiring Stories Of Indian Entrepreneurs कैसी लगी अपने comments के माध्यम से ज़रूर बताइयेगा।