हमारे देश में जब भी कोई अपराध होता है तो उसके बारे में पुलिस के पास एफआईआर लिखी जाती है जिससे अपराध की पुरेपुरी हकीकत प्राप्त की जाती है तो चलिए आज हम आपको एफआईआर से जुडी वो रोचक बातें बताने वाले है जिसके बारे में आपने पहले कभी भी जाना नहीं होंगा.
सबसे पहले हम आपको एफआईआर का पूरा नाम बता देते है जो की फर्स्ट इंफॉर्मेशन रिपोर्ट कहलाता है. यही कीसी अपराध के बाद में उससे संबंधित प्राथमिकता दर्ज होती है और इसी के आधार पर आगे की पूरी जाँच पुलिस करती है और हां एक महत्वपूर्ण बात की यह एफआईआर किसी भी अपराध का प्रमाण नहीं होता.
एफआईआर दर्ज के नियम
आप अपनी शिकायत थाने में दर्ज कराने जा रहे है जिससे जुडी सारी बातें पुलिस अधिकारी एफआईआर फॉर्म के अंदर लिखेगा और आपकी शिकायत सुनकर आपकी सहमती ले ली जाएगी और एफआईआर की एक कॉपी पुलिसथाना इंचार्ज शिकायतकर्ता को लेगा.
लिखित रिकार्ड
जब भी पुलिस आपकी एफआईआर को दर्द करेगी तो वह उसका सभी रिकॉर्ड अपने पास लिखित रूप में रखेगी और इसमें आपको कोई लिखित कोपी नहीं मिली है तो इसका मतलब ये होता है की पुलिस आपकी शिकायत अपने संज्ञान में ले ली है और आगे इसकी जाँच करेगी और ऐसा पता लगाएगी की वास्तव में ऐसा कोई अपराध हुआ है की नहीं.
एफआईआर तुरंत दर्ज कराये
जब भी आपके साथ में कोई घटना होती है तो आपको पुलिस को इसकी एफआईआर तुरंत ही जाकर दर्ज करनी होती है क्यूंकि एफआईआर देर से दर्ज करने में अपराधी को इसके सबूत को मिटाने के लिए समय मिल जाता है.
एफआईआर क्यों जरुरी है
आपकी जानकारी के लिए बतादे की पुलिस अधिकारी किसी भी अपराध की एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है यदि ऐसा नहीं होता है तो शिकायतकर्ता इसकी शिकायत एसपी से कर सकते है.
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