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यादगार पात्र होने की चाह ज़िन्दगी.

मेले में बिक रहे किसीबैलून, चश्मे, लाई-पकौडीझूला, सेवई, जलेबीरास्ते का सबसे घना पेडफट चुकी किताबलाल रंगहिन्दी फ़िल्मों का 'राज', 'विजय'बंगाली बाबा का जादूहाशमी दवाखाना की शीशीकमजोरी भगाने वाली खुराकमोटा वाला बैंक अकाऊंटज़ीरो साईज़ टेंशनखाके सोने वाली दिनचर्यानदी-नाले की ठंडी हवाऔरकिसी कहानी की पूंछ पकडकेकोई यादगार पात्र होने की चाहज़िन्दगी.



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