बहुत समय पहले एक बुजुर्ग दरिया के किनारे से जा रहा थे। तभी उन्होने देखा कि दरिया के अंदर से एक कछुआ आया और दरिया के किनारे पर आकर रुक गया। थोड़ी देर बाद उसी किनारे पर एक जहरीला बिच्छू भी आया और दोनों आपस में बात करने लगे। कछुए ने बिच्छू से पूछा, “दोस्त, क्या अब हम दरिया के उस पार चले?” इसपर बिच्छू ने खुशी से जवाब दिया, “हाँ दोस्त, चलो नदी के उस पार चलते हैं।“ ऐसा कहकर बिच्छू कछुए की पीठ पर चढ़ गया। और कछुए ने दरिया में तैरना शुरू कर दिया।
वो बुजुर्ग ये सब देख और सुन रहे थे। एक बिच्छू को कछुए की पीठ पर बैठा देख वो बहुत हैरान हुए और मन ही मन सोचने लगे, “ये बिच्छू कछुए की पीठ पर बैठकर कहाँ जा रहा है? मुझे भी इनके पीछे जाना चाहिए” ऐसा सोचकर वो दरिया में उतर गए और उनका पीछा करने लगे। नदी के दुसरे किनारे पहुँचकर कछुआ रुक गया और बिच्छू उसकी पीठ पर से छलांग लगाकर किनारे पर चढ़ गया।
“दोस्त तुम यहीं रुको मैं अभी आताहूँ!” ये कहकर बिच्छू जंगल की तरफ चल दिया। बुजुर्ग भी दरिया से बाहर आए और बिच्छू के पीछे चलने लगे।
आगे जाकर उन्होने देखा कि जिस तरफ बिच्छू जा रहा था उसी तरफ एक नौजवान व्यक्ति आँखें बंद करके भगवान के ध्यान में लगा हुआ था। ये देखकर वो बुजुर्ग सोचने लगे, “अगर यह बिच्छू उस
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