बेटी मुझे बनाना राम
जो कर जाए कुल का नाम
मेरे जन्म पर ना हो उदासी
सब के चेहरे पर हो मुस्कान
माँ की परछाई बनू मैं
पापा को हो मुझपर मान
बेटी मुझे बनाना राम
ना कोई मुझको पेट में मारे
दादी भाई सा मुझको चाहे
मेरा भी जन्मदिन मनाये
मेरे लिए भी तोहफे लाये
बेटी मुझे बनाना राम
दो कुल को रोशन कर पाऊ
पढ़ लिख कर नई राह बनाऊ
ना रहूँ मैं किसी पे बोझ
बस इतना दे देना वरदान
बेटी मुझे बनाना राम
कल्पना चावला बन नभ में जाऊ
हर मुश्किल को पर करूँ मैं
सीता बन हर धर्म को निभाऊ
कर पाऊँ सब का सम्मान
बेटी मुझे बनाना राम
माँ बाप का क़र्ज़ चुकाऊ
उन्हें छोड़ कर कभी ना जाऊ
उनकी जग में शान बढाऊ
कर जाऊ कुछ अच्छे काम
बेटी मुझे बनाना राम
पापा की परी माँ की दुलारी
सब की करू मुश्किल आसान
हर कर्त्तव्य को पूरा करू मैं
ना हो कोई मुझसे परेशान
बेटी मुझे बनाना राम