मित्रों ,
पुराने मित्र-मंडली पोस्टों को मैंने मित्र-मंडली पेज पर सहेज दिया है और अब से प्रकाशित मित्र-मंडली का पोस्ट 7 दिन के बाद केवल मित्र-मंडली पेज पर ही दिखेगा, जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है : HTTPS://RAKESHKIRACHANAY.BLOGSPOT.IN/P/BLOG-PAGE_25.HTML मित्र-मंडली के प्रकाशन का उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुँचाना है। आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर, टिप्पणी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। विश्वास करें ! आपके द्वारा दिए गए विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा।
प्रार्थी
राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
मित्र मंडली -74
(नोट : मेरे कई ब्लॉग अनुसरणकर्ता मित्र का पोस्ट जो मुझे बहुत अच्छा लगता है परन्तु मैं उसे मित्र मंडली में सम्मलित नहीं करता क्यूंकि उनकी रचना पहले से ही लोकप्रिय होती है और समयाभाव के कारण मैं उनके पोस्ट पर टिप्पणी भी नहीं कर पाता हूँ, इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ।),
इस सप्ताह के तीन रचनाकार
उतराखंड त्रासदी ---- हिमालय का आक्रांत स्वर
रेणु बाला जी
"पर्यावरण के प्रति हमारी संवेदनहीनता के कारण विनाश की मौन आहट को सुनने की चेतावनी देती सुंदर आलेख । "
"पर्यावरण के प्रति हमारी संवेदनहीनता के कारण विनाश की मौन आहट को सुनने की चेतावनी देती सुंदर आलेख । "
कोई अन्त न हो
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी
"एहसास और संवेदना का जीवित रहना मानव समाज के लिए अति-आवश्यक है इसी बात को सुन्दर कविता में प्रस्तुत किया है , आप भी आनंद लें।"
"एहसास और संवेदना का जीवित रहना मानव समाज के लिए अति-आवश्यक है इसी बात को सुन्दर कविता में प्रस्तुत किया है , आप भी आनंद लें।"
चाँद के फासले
पंकज भूषण पाठक जी
"गंगा-जमुनी तहज़ीब को क़ायम रखने की गुजारिश करती सुन्दर कविता। "
"गंगा-जमुनी तहज़ीब को क़ायम रखने की गुजारिश करती सुन्दर कविता। "
आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा । आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 25-06-2018 को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....
मेरी प्रस्तुति :
1.FACE OF COMMON MAN - 2
मेरी प्रस्तुति :
1.FACE OF COMMON MAN - 2