मित्रों ,
पुराने मित्र-मंडली पोस्टों को मैंने मित्र-मंडली पेज पर सहेज दिया है और अब से प्रकाशित मित्र-मंडली का पोस्ट 7 दिन के बाद केवल मित्र-मंडली पेज पर ही दिखेगा, जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है : HTTPS://RAKESHKIRACHANAY.BLOGSPOT.IN/P/BLOG-PAGE_25.HTML मित्र-मंडली के प्रकाशन का उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुँचाना है। आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर, टिप्पणी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। विश्वास करें ! आपके द्वारा दिए गए विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा।
प्रार्थी
राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"
मित्र मंडली -71
(नोट : मेरे कई ब्लॉग अनुसरणकर्ता मित्र का पोस्ट जो मुझे बहुत अच्छा लगता है परन्तु मैं उसे मित्र मंडली में सम्मलित नहीं करता क्यूंकि उनकी रचना पहले से ही लोकप्रिय होती है और समयाभाव के कारण मैं उनके पोस्ट पर टिप्पणी भी नहीं कर पाता हूँ, इसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ।),
इस सप्ताह के छः रचनाकार
नया इतिहास
अपर्णा बाजपई जी
"कल को आज से संवारने की कोशिश और झूठे दम्भ को नकारती सुन्दर रचना। "
"कल को आज से संवारने की कोशिश और झूठे दम्भ को नकारती सुन्दर रचना। "
जरूरत क्या दलीलों की !
मीना शर्मा जी
"सच्ची और खरी एहसासों का गुलदस्ता है ये ग़ज़ल आप भी इसे पढ़ कर आनंद लें। "
"सच्ची और खरी एहसासों का गुलदस्ता है ये ग़ज़ल आप भी इसे पढ़ कर आनंद लें। "
गंगा रे ! तू बहती रहना -लेख --
रेणु बाला जी
"शुद्ध गंगा जल को आप जब तक चाहे रख सकते है इसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आती इसमें कोई कीड़ा आदि उत्पन्न नहीं हो सकता। गंगा नदी पर सुन्दर आलेख के साथ नदी को समर्पित सुन्दर कविता का आनंद लें। "
"शुद्ध गंगा जल को आप जब तक चाहे रख सकते है इसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आती इसमें कोई कीड़ा आदि उत्पन्न नहीं हो सकता। गंगा नदी पर सुन्दर आलेख के साथ नदी को समर्पित सुन्दर कविता का आनंद लें। "
डाॅक्टर बनने की राह आसान बनाने हेतु एक सार्वजनिक अपील
कविता रावत जी
"अपनी मदद की गुहार लगाते या दूसरों के मदद में अपनी रोटी सेंकते आपने बहुत लोगों को देखा होगा। पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता करना एक उत्तम विचार है। इस प्लेटफार्म से मैं सुधि पाठकों एवं रचनाकारों से विशेष अनुरोध करता हूँ कि आप 5 लाख 72 हजार रु. शायद न दें पाएं परन्तु आप के द्वारा दिया गया एक छोटी सी राशि भी 5 लाख 72 हजार रु. को पूरा करने में एक अहम् योगदान दे सकता है आप ये ना सोचे कि आपके द्वारा दिया गया सौ या हज़ार से क्या होगा। बूंद-बूंद से ही सागर भरता है। "
“सुनहरे पंख”
ऋतू असूजा ऋषिकेश जी
ऋतू असूजा ऋषिकेश जी
"सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ाता बचपन को बुजुर्गों के आशीर्वाद एवं शुभकामनाओं को हकीकत की धरातल पर फलीभूत होते देखती सुन्दर रचना। "
कहीं यूं ही
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा जी
"निस्वार्थ भाव से सभी की खुशियों के लिए जीने की प्रेरणा देती सुन्दर कविता। "
"निस्वार्थ भाव से सभी की खुशियों के लिए जीने की प्रेरणा देती सुन्दर कविता। "
आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा । आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 04-06-2018 को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....
मेरी प्रस्तुति :
1.MEME SERIES - 8
मेरी प्रस्तुति :
2.महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली: रामतीरथ मंदिर, अमृतसर
2.महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली: रामतीरथ मंदिर, अमृतसर