Get Even More Visitors To Your Blog, Upgrade To A Business Listing >>

मित्र मंडली -64





मित्रों , 


"मित्र मंडली" का  चौसठ वाँ अंक का पोस्ट प्रस्तुत है।इस पोस्ट में मेरे ब्लॉग के फॉलोवर्स/अनुसरणकर्ताओं के हिंदी पोस्ट की लिंक के साथ उस पोस्ट के प्रति मेरी भावाभिव्यक्ति सलंग्न है। पोस्टों का चयन साप्ताहिक आधार पर किया गया है। इसमें दिनांक 02.04.2018  से 08.04.2018 तक के हिंदी पोस्टों का संकलन है।


पुराने मित्र-मंडली पोस्टों को मैंने मित्र-मंडली पेज पर सहेज दिया है और अब से प्रकाशित मित्र-मंडली का पोस्ट 7 दिन के बाद केवल मित्र-मंडली पेज पर ही दिखेगा, जिसका लिंक नीचे दिया जा रहा है : HTTPS://RAKESHKIRACHANAY.BLOGSPOT.IN/P/BLOG-PAGE_25.HTML मित्र-मंडली के प्रकाशन का उद्देश्य मेरे मित्रों की रचना को ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक पहुँचाना है। आप सभी पाठकगण से निवेदन है कि दिए गए लिंक के पोस्ट को पढ़ कर, टिप्पणी के माध्यम से अपने विचार जरूर लिखें। विश्वास करें ! आपके द्वारा दिए गए विचार लेखकों के लिए अनमोल होगा। 
प्रार्थी 
राकेश कुमार श्रीवास्तव "राही"

मित्र मंडली -64  
(नोट : मेरे ब्लॉग के किसी भी अनुसरणकर्ता  मित्र का पोस्ट, इस मित्र मंडली के पुराने संस्करण में सम्मलित नहीं हो पा रहा हो तो मुझे e-mail द्वारा सूचित करें। मेरा e-mail id है : [email protected] )

इस सप्ताह के सात रचनाकार 

कितना गुरूर था मझे अपनी उड़ान पर 

नीतू ठाकुर   जी 

"स्त्रियों की आकांक्षाओं और बेबसी को बखूबी बयान करती सुंदर कविता।"

चिड़िया चली शहर से दूर !

मीना शर्मा जी 

"एक चिड़िया के माध्यम से मानव संवेदनहीनता के प्रति दर्द एवं तथाकथित प्रगति की पोल खोलती  सुन्दर कविता। "

आज दो पुस्तक समीक्षा प्रस्तुत है :

पुस्तक समीक्षा - प्रिज़्म से निकले रंग (ई-बुक) --------कवि - रवीन्द्र सिंह यादव

रेणु  बाला जी  

"चीख़ती आवाज़ें".....पुस्तक समीक्षा

रवींद्र सिंह यादव जी 

"किसी भी रचनाकार के अथक प्रयास का फल होता है उसकी कृति का प्रकाशन और उस कृति को पाठक तक पहुँचाना। पर, सुखद अनुभूति तब होती है जब कोई सुधि पाठक उसकी पुस्तक की समीक्षा लिखे, और बात जब रेनू बाला जी एवं रवींद्र सिंह यादव जी द्वारा लिखित हो तो  इसमें तनिक भी संदेह नहीं बचता कि  पुस्तक उच्च कोटि की है।  सुन्दर प्रस्तुति।

आरक्षण

श्वेता सिन्हा जी 

"आरक्षण जब तक मुख्य धारा से कटे वर्गों को मिलता था तब तक किसी को कोई आपत्ति नहीं थी परन्तु जब साधन संपन्न व्यक्ति केवल जाति के नाम पर आरक्षण का लाभ ले रहा है तो विरोध का स्वर उभरना लाज़मी है।सुन्दर प्रस्तुति।"

मौत पर कविता

अर्चना सक्सेना जी 

"मृत्यु के प्रति मानव की चिंता एवं उसके सत्य को अनुभव कराती सुन्दर रचना।   "

“ कन्या दान ,अभिमान ,सम्मान "




ऋतू असूजा ऋषिकेश जी
"लघु कथा का अंत सुन्दर सार्थक पंक्तियों के साथ जो समस्या को भावनाओं से ऊपर उठ कर वास्तविक समाधान की सन्देश देती  है,  सुन्दर प्रस्तुति। "


आशा है कि मेरा प्रयास आपको अच्छा लगेगा ।  आपका सुझाव अपेक्षित है। अगला अंक 16 -04-2018  को प्रकाशित होगा। धन्यवाद ! अंत में ....

मेरी प्रस्तुति  : 
1.फोटोग्राफी : पक्षी 51 (Photography : Bird 51 )









2.दंगा





This post first appeared on RAKESH KI RACHANAY, please read the originial post: here

Share the post

मित्र मंडली -64

×

Subscribe to Rakesh Ki Rachanay

Get updates delivered right to your inbox!

Thank you for your subscription

×